ब्यावर में जमाअते इस्लामी हिन्द का इस्तकबाल ए रमजान मुहिम का समापन, वक्ताओं ने पवित्र माह रमजान की अहमियत पर डाला प्रकाश
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ब्यावर में जमाअते इस्लामी हिन्द का इस्तकबाल ए रमजान मुहिम का समापन, वक्ताओं ने पवित्र माह रमजान की अहमियत पर डाला प्रकाश

Ajmer News: पाक पवित्र माह रमजान (Ramzan) के मौके पर जमाअते इस्लामी हिन्द के द्वारा इस्तकबाल-ए-रमजान के समापण के मौके पर मु्स्लिम धर्म गुरुओं ने रमजान की अहमियत तथा रोजे के उद्देश्य पर रोशनी डाली. इसी महिने में पवित्र कुरान का नाज़िल हुआ.

ब्यावर में जमाअते इस्लामी हिन्द का इस्तकबाल ए रमजान मुहिम का समापन, वक्ताओं ने पवित्र माह रमजान की अहमियत पर डाला प्रकाश

Ajmer News: जमाअते इस्लामी हिन्द जिला अजमेर, पाली व राजसमन्द द्वारा इस्तकबाल-ए-रमजान के तहत क्षेत्र में 12 से 23 मार्च 23 तक चलाई जा रही मुहिम का समापन किया गया. कार्यक्रम समापन के मौके पर इकरा पब्लिक माध्यमिक विद्यालय ब्यावर में एक कार्यकरम का आयोजन किया गया. जिसमें जिला अजमेर, पाली व राजसमंद के उलेमा-ए-किराम व अइम्मा-ए-मसाजिद ने बड़ी तादाद में शिरकत की. 

कार्यक्रम में जमाअत ए इस्लामी हिंद, जिला अजमेर, पाली व राजसमंद के संयोजक मुमताज अली ने मुहिम का परिचय करवाया और बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी जमाअत की ओर से क्षेत्र में रमजान के पवित्र माह की अहमियत व महत्व से लोगों को परिचित कराने के लिए विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे हैं. जिसका आज समापन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. मुमताज अली ने बताया की इस मुहिम के दौरान व्यक्तिगत व सामूहिक मुलाकातों, लिटरेचर,स्कूलों में लेक्चरर्स, सभाओं, जुमे की नमाजों में तकरीरों तथा प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक तथा सोशल मीडिया आदि के जरिए रमजान व रोजों की अहमियत के पैगाम को लोगों तक पहुंचाया. 

रमजान के माह में ईश्वर ने सभी मुसलमानों पर एक माह के रोजे रखना अनिवार्य किया
कार्यक्रम का शुभारंभ कारी मुहम्ममद हुसैन की तिलावत ए कुरआन से हुआ. कार्यक्रम में डॉ. जावेद हुसैन ने पवित्र माह रमजान की अहमियत तथा रोजे के उद्देश्य पर रोशनी डाली. उन्होंने बताया कि रमजान के महीने ही में ईश्वर ने अपने पैगंबर हजरत मुहम्ममद पर संसार के सारे मनुष्यों के मार्गदर्शन के लिए अपना अंतिम ग्रंथ कुरआन अवतरित किया. रमजान के माह में ईश्वर ने सभी मुसलमानों पर एक माह के रोजे रखना अनिवार्य किया. रोजा आत्मशुद्धि, आत्म संयम, ईश परायणता तथा ईश्वर का डर व समीपता हासिल करने का साधन है.

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ये लोग रहे  मौजूद
कार्यक्रम में हाफिज मुहम्ममद इमिम्तयाज, मुफती मुहम्मद आसिफ, मौलाना मुहम्ममद तय्यब, मौलाना जुबैर तथा मौलाना अब्दुल शकूर ने भी रमजान व रोजों की अहमियत व मकसद पर अपने विचार रखे.

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Reporter-  Dilip Chouhan

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