Project Cheetah: स्पेशल विमान से नामीबिया से भारत आएंगे चीते, इस पर बनी पेंटिंग जीत लेगी दिल!
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Project Cheetah: स्पेशल विमान से नामीबिया से भारत आएंगे चीते, इस पर बनी पेंटिंग जीत लेगी दिल!

Mission Cheetah: नामीबिया से भारत में 8 टाइगर आ रहे हैं. इन्हें लेने के लिए खास विमान नामीबिया पहुंच चुका है. इसे पेंटिंग से सजाया गया है. अपने जन्मदिन पर पीएम मोदी इन चीतों को देश को सौंपेंगे.

Project Cheetah: स्पेशल विमान से नामीबिया से भारत आएंगे चीते, इस पर बनी पेंटिंग जीत लेगी दिल!

PM Modi's birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन यानी 17 सितंबर का दिन इस साल खास होने वाला है. इस दिन देश में लुप्त हो चुके धरती पर सबसे तेज दौड़ने वाले वन्य प्राणी चीता की आमद होने वाली है. दरअसल, 70 साल बाद नामीबिया से 8 चीते भारत आने वाले हैं. इन्हें लेने के लिए विशेष विमान नामीबिया पहुंच चुका है. इन चीतों को पीएम मोदी मध्यप्रदेश के कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) में छोड़े देंगे.

पेंटिंग से सजाया गया है स्पेशल विमान

इन चीतों को लेने के लिए जो खास विमान नामीबिया पहुंचा है, उसे खूबसूरत पेटिंग द्वारा सजाया गया है. विमान पर टाइगर की पेंटिंग लगाई गई है. बताया जा रहा है कि पहले नामीबिया से इस स्पेशल विमान के जरिए चीतों को जयपुर लाया जाएगा. इसके बाद हेलीकॉप्टर से उसी दिन मध्य प्रदेश के कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) लाया जाएगा. जिन्हें पीएम मोदी अपने जन्मदिन पर देश को सौंपेंगे.

भारत के उच्चायोग ने शेयर की तस्वीरें

नामीबिया में भारत के उच्चायोग ने ट्विटर पर इस स्पेशल विमान की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा है कि बाघ की भूमि में सद्भावना राजदूतों को ले जाने के लिए बहादुर की भूमि में एक विशेष पक्षी दूत आया है.

70 साल बाद आ रहे हैं आ रहे हैं चीते

गौरतलब है कि भारत में चीतों के पुनर्स्थापना की लंबे अरसे से कोशिश हो रही है और इसी क्रम में केन्द्र एवं राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की बैठक वर्ष 2009 में हुई. वर्ष 2010 में भारतीय वन्य-जीव संस्थान द्वारा चीता पुनर्स्थापना हेतु संपूर्ण भारत में संभावित 10 क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया. इन संभावित 10 स्थलों में से कूनो अभयारण्य (वर्तमान कूनो राष्ट्रीय उद्यान, श्योपुर) को सबसे उपयुक्त पाया गया. चीतों की पुनर्स्थापना के संबंध में पर्याप्त अध्ययन न होने से वर्ष 2013 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा चीता को भारत लाये जाने पर रोक लगा दी गई.

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