Ticket Price of Ganga Villa Cruise: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने आज दिल्ली (Delhi) से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दुनिया की सबसे लंबी यात्रा पर निकलने वाले रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास को रवाना कर दिया है. 52 दिनों में करीब 3200 किमी की दूरी तय कर डिब्रूगढ़ पहुंचने वाला ये गंगा विलास क्रूज़ इतना खूबसूबरत है कि आपकी निगाहें इससे नहीं हटेंगी. आइए तस्वीरों के जरिए जानते और समझते हैं इस विराट जलयात्रा की खासियत.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखा कर रवाना कर दिया है. इस खास और अनोखे 'जलमहल' गंगा विलास क्रूज में जिम, स्पा सेंटर, लेक्चर हाउस, लाइब्रेरी, लक्जरी रूम सब कुछ है.
ये लक्जरी क्रूज 52 दिन में करीब 3200 किमी की दूरी तय कर डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. फाइव स्टार सुविधा और आधुनिक तकनीक से युक्त जलयान का सफर कई मायने में वैश्विक स्तर के मापदंडों पर खरा उतरता है. लिहाजा, इसमें सफर करने वाले विदेशी सैलानी भी सुविधाओं को लेकर काफी संतुष्ट हैं. आइए जानते हैं काशी से डिब्रूगढ़ तक गंगा विलास के सफर की खासियत.
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत के सबसे बेहतरीन लग्जरी क्रूज की सवारी के लिए आपको हर दिन का किराया 50000 रुपये देना होगा. यानी अगर आप पूरे 51 दिन की ट्रिप बुक करते हैं तो आपको इस सुखद, अद्भुत और अकल्पनीय यात्रा के लिए 25 लाख रुपये चुकाने होंगे.
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि वाराणसी से डिब्रूगढ़ के बीच क्रूज सेवा की शुरुआत से पूर्वी भारत के अनेक पर्यटक स्थलों को 'विश्व पर्यटन मानचित्र' में प्रमुखता से लाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि काशी में गंगा नदी के पार बनी टेंट सिटी से वहां आने और रहने का एक और बड़ा कारण देश दुनिया के पर्यटकों श्रध्दालुओं को मिला है. बताया जा रहा है कि क्रूज़ के रूम्स 5 स्टार होटल जैसे है.
एमवी गंगा विलास क्रूज की यात्रा का मार्ग भारत की खूबियां दर्शाने की मंशा के साथ निर्धारित किया गया है. इस लंबी यात्रा में यह क्रूज विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, बांग्लादेश में ढाका और असम में गुवाहाटी जैसे प्रमुख शहरों सहित 50 पर्यटन स्थलों से होकर गुजरेगा.
इस दौरान यह भारत और बांग्लादेश में 27 नदी प्रणालियों को पार करते हुए बांग्लादेश के रास्ते असम के डिब्रूगढ़ तक जाएगा. इस क्रूज़ के लक्जरी रूम में टीवी के अलावा किताबें भी रखी गयी हैं. जिसके कमरों के दरवाजे पर मैप बनाये गये हैं. इसके हर कमरे से रिवर व्यू बहुत जबरदस्त खूबसूरत दिखाई देता है.
इस क्रूज में सभी लक्जरी सुविधाओं से युक्त तीन डेक, 36 पर्यटकों की क्षमता वाले 18 सुइट हैं. इस क्रूज की पहली यात्रा पर स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक रवाना हुए हैं. इस यात्रा से पर्यटकों को भारत एवं बांग्लादेश की कला, संस्कृति, इतिहास और आध्यात्मिकता से अवगत होने का अवसर मिलने की संभावना है.
गंगा विलास क्रूज 18 माह में बनकर तैयार हुआ है. कोलकाता में इसका निर्माण हुआ. ये जलयान पूरी तरह भारतीय राज्यों की साज-सज्जा से लैस है. जिसमें बेडरूम, किचन, जिम, रेस्टोरेंट, सैलून, गीत संगीत, चिकित्सा, ओपन स्पेस सहित इसमें सभी तरह की आधुनिक सुविधाएं हैं.
आधुनिक सुविधाओं से लैस इस क्रूज का रूट वाराणसी और गाजीपुर होते हुए बक्सर से पटना, मुंगेर और भागलपुर फिर बंगाल से बांग्लादेश में एंट्री करेगा. 52 दिन और 3200 किलोमीटर के इस सफर में कई अलग-अलग शहरों में इसका ठहराव करीब 50 जगहों पर होगा.
ये क्रूज अत्याधुनिक उपकरणों से लैस यानी एकदम लेटेस्ट तकनीक से बना है. इसमें सफर की वजह से गंगा नदी प्रदूषित न हो इसका भी ख्याल रखा गया है. ये जलमहल पर्यावरण को साफ रखने में मददगार है. इसमें पानी के लिए आरओ और एसटीपी प्लांट लगा है, ताकि दूषित पानी गंगा में न जाए.
ये लक्जरी क्रूज आते समय (अपस्ट्रीम) लगभग 12 किलोमीटर और जाते समय (डाउनस्ट्रीम) लगभग 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से सफर तय करेगा. इसमें प्रदूषण और शोर रहित प्रणाली मौजूद है इससे नदी का इको सिस्टम भी प्रभावित नहीं होगा.
इस क्रूज का किराया भारत में 25 हजार रुपये और बांग्लादेश में 50 हजार रुपये प्रति दिन है.
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