Shakuntala Railways Line: भारत में हजारों ट्रेनें रोजाना सफर करती हैं. इसमें करोड़ों लोग सफर करते हैं. आपने रेलवे के कई ट्रैक के बारे में सुना होगा, जो बेहद दुर्गम जगहों पर बने हुए हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे रेलवे ट्रैक के बारे में बताने जा रहे हैं, जिस पर आज भी ब्रिटेन का कब्जा है. इस ट्रैक पर ट्रेन चलाने के लिए भारतीय रेलवे ब्रिटेन की एक निजी कंपनी को सालाना 1 करोड़ 20 लाख रुपये अदा करता है.
ये रेलवे ट्रैक महाराष्ट्र के अमरावती में है. इस रूट पर चलने वाली शकुंतला एक्सप्रेस के कारण इसे 'शकुंतला रेल रूट' के नाम से भी जाना जाता है. साल 1903 में ब्रिटिश कंपनी क्लिक निक्सन की ओर से इस ट्रैक को बनाने का काम शुरू किया गया. रेल ट्रैक को बिछाने का काम 1916 में जाकर पूरा हुआ. इस कंपनी को आज सेंट्रल प्रोविन्स रेलवे कंपनी के नाम से जाना जाता है.
अमरावती का इलाका अपने कपास के लिए पूरे देश में फेमस था. कपास को मुंबई पोर्ट तक पहुंचाने के लिए अंग्रेजों ने इसका निर्माण करवाया था. उस समय प्राइवेट फर्म ही रेल नेटवर्क को फैलाने का काम करती थी.
आज भी इस ट्रैक पर ब्रिटेन की इस कंपनी का कब्जा है. इसके देख-रेख की पूरी जिम्मेदारी भी इस पर ही है. हर साल पैसा देने के बावजूद यह ट्रैक बेहद जर्जर है. रेलवे सूत्रों का कहना है कि, पिछले 60 साल से इसकी मरम्मत भी नहीं हुई है. इस पर चलने वाले जेडीएम सीरीज के डीजल लोको इंजन की अधिकतम गति 20 किलोमीटर प्रति घंटे रखी जाती है.
इस रेल रूट पर लगे सिग्नल आज भी ब्रिटिश काल के ही बने हुए हैं. यहां से चलने वाली शकुंतला एक्सप्रेस ट्रेन में हर रोज एक हजार से ज्यादा लोग ट्रेवल करते हैं.
ट्रेन्डिंग फोटोज़