Aligarh Muslim University में प्रोफेसर द्वारा पीएचडी की छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला सामना आया है. छात्रा ने पीएम मोदी और योगी से न्याय की गुहार लगाई है और न्याय न मिलने पर सुसाइड करने की बात कही है.
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Sexual Harassment News: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के चेयरमैन द्वारा पीएचडी की छात्रा के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर छात्रा ने न्याय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी से इंसाफ की गुहार लगाई है. पीड़िता की मांग है कि आरोपी चेयरमैन के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए. छात्रा ने कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो वह सुसाइड कर लेगी. पीड़ित छात्रा ने कहा है कि एएमयू में छात्राओं के लिए बनाई गई कमेटी पर उसे विश्वास नहीं है. पीड़िता ने आगे कहा कि AMU में पीएचडी करने वाली हर दूसरी छात्रा के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही है. हालांकि, शर्म की वजह से वह लड़कियां चुप रहती हैं.
छात्रा का आरोप है कि जिस प्रोफेसर के अंडर में वह पीएचडी कर रही थी, उसका वे व्यवहार बहुत गंदा था. प्रोफेसर अफीफ उल्ला खान पीड़िता पर गंदे कमेंट किया करता था. पीड़िता ने कहा कि पहले प्रोफेसर का चेंबर बाहर की साइड में था, चेंबर पीछे की साइड पहुंचते ही वह परेशान करने लगा और टच करना शुरू कर दिया और साथ बैठने के लिए फोर्स किया. पीड़िता के मना करने पर नाराज होकर प्रोफेसर ने कहा कि तुम्हारी पीएचडी में सबमिट नहीं करूंगा.
पीड़िता ने बताया कि मैं प्रोफेसर के पास गई थी, मैंने पीएचडी सबमिट करने के लिए बोला था, वह नहीं माना, मेरे से बोला जाओ जिसके पास चली जाओ, उसने मुझे बुरी तरीके से वहां से भगा दिया. छात्रा ने आगे कहा कि मैंने एएमयू एडमिनिस्ट्रेशन को एक लेटर लिखा, जिसमें सारी घटना का जिक्र किया, वहां से भी कोई कार्यवाही नहीं की गई, 40 दिन से ऊपर हो चुके हैं, अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है. एएमयू एडमिनिस्ट्रेशन ने तो प्रोफसर को क्लीन चिट दे दी.
पीड़िता ने आरोपी प्रोफेसर पर FIR दर्ज कराई है और कहा कि मेरी मोदी और योगी से यही विनती है कि इस आदमी को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए. मेरे पास योगी-मोदी के अलावा कोई और उम्मीद नहीं है, क्योंकि कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है. 27 मई को FIR हुई है, मेरा 164 का भी बयान हो चुका है. एएमयू में लड़कियों के लिए बनाई गई कमेटी ने 1 जनवरी रिपोर्ट बनाकर भेज दी, उस पर भी मुझे विश्वास नहीं है, ऐसी कमेटी से आप क्या उम्मीद करेंगे जो 1 दिन में पूरी रिपोर्ट बनाकर भेज रही है.
(इनपुट: एजेंसी)