सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला डीएवी कॉलेज ट्रस्ट और प्रबंधन सोसायटी से जुड़े एक मामले में सुनाया है.
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नई दिल्ली: सरकार से आर्थिक मदद पाने वाले एनजीओ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सरकार से आर्थिक मदद पाने वाले एनजीओ को न केवल सार्वजनिक प्राधिकरण माना जाएगा, बल्कि वे सूचना के अधिकार (आरटीआई) के दायरे में भी आएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला डीएवी कॉलेज ट्रस्ट और प्रबंधन सोसायटी से जुड़े एक मामले में सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सरकार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक मदद पाने वाली संस्थाओं को सार्वजनिक प्राधिकरण के तौर पर देखा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अगर स्कूल, कॉलेज सहित अन्य गैर सरकारी संगठनों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद मिलती है, तो इन संस्थाओं को भी सार्वजनिक प्राधिकरण मानते हुए आरटीआई के दायरे में माना जाएगा. इन संस्थाओं को आरटीआई के तहत अपनी आर्थिक गतिविधियों की जानकारी देनी होगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और ईमानदारी के लिए इस व्याख्या की आवश्यकता है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि कोई भी निकाय जो सरकार द्वारा स्वामित्व, नियंत्रित या पर्याप्त रूप से वित्तपोषित हैं, वो एक सार्वजनिक प्राधिकरण होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि हमें यह मानने में कोई हिचक नहीं है कि उचित सरकार द्वारा प्रदान की गई धनराशि से एक एनजीओ ने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वित्तपोषित किया है, जो अधिनियम के प्रावधानों के लिए एक सार्वजनिक प्राधिकरण होगा.