पहले 376.. अब 63, एक जुलाई से क्या बदल जाएगा? नए क्रिमिनल कानूनों को अच्छी तरह समझ लें
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पहले 376.. अब 63, एक जुलाई से क्या बदल जाएगा? नए क्रिमिनल कानूनों को अच्छी तरह समझ लें

New criminal law: देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए ये तीनों कानून लाए गए हैं. ये तीनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम होंगे. ये सभी आईपीसी की जगह लेंगे.

पहले 376.. अब 63, एक जुलाई से क्या बदल जाएगा? नए क्रिमिनल कानूनों को अच्छी तरह समझ लें

Bharatiya Nyaya Sanhita: केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित तीन नए आपराधिक कानूनों को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. इन कानूनों को 1 जुलाई, 2024 से लागू कर दिया जाएगा. ये तीनों नए आपराधिक कानून भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम की जगह लागू होंगे. इन तीनों कानूनों को पहले ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी. तब ये तीनों विधेयक कानून बन गए थे. अब इन्हें लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है. यह समझने की जरूरत है कि नए कानूनों में कितना बदलाव किया गया है और वे कैसे पुराने से अलग होंगे. 

असल में भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम जो अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है, उससे अब लोगों को छुटकारा मिलेगा. इस नए कानून में मॉब लिंचिंग, नाबालिग से गैंगरेप जैसी घिनौनी हरकतों के लिए आजीवन कारावास और फांसी तक की सजा का प्रावधान है. हालांकि, ‘हिंट एंड रन’ से जुड़े मामलों से संबंधित प्रावधान तत्काल प्रभावी नहीं होंगे. तीनों कानूनों का उद्देश्य विभिन्न अपराधों को परिभाषित करके उनके लिए सजा तय करके देश में आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलना है.

वहीं एक चीज यह भी है कि सरकार ने वाहन चालक द्वारा हिट एंड रन के मामलों से संबंधित प्रावधान को लागू नहीं करने का निर्णय लिया है, जैसा कि ट्रक चालकों से वादा किया गया था. ट्रक चालकों ने इन प्रावधानों का विरोध किया था. 

अब कुछ नए प्रावधानों को उदाहरण के जरिए समझें-

हत्या:
पुरानी धारा: IPC की धारा 302
नई धारा: धारा 101
ठगी:
पुरानी धारा: IPC की धारा 420
नई धारा: धारा 316
हत्या का प्रयास:
पुरानी धारा: IPC की धारा 307
नई धारा: धारा 109
दुष्कर्म:
पुरानी धारा: IPC की धारा 376
नई धारा: धारा 63
हिट एंड रन मामलों से संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं होंगे.

- पहले रेप की धारा 375, 376 थी, 
अब जहां से अपराधों की बात शुरू होती है, उसमें धारा 63, 69 में रेप को रखा गया है. 
- मर्डर 302 था, अब 101 हुआ है. 
18 साल से कम उम्र की बच्ची से रेप में आजीवन कारावास और मौत की सजा का प्रावधान है.
गैंगरेप के दोषी को 20 साल तक की सजा या जिंदा रहने तक जेल.

- नए कानून के तहत धारा 302 स्नैचिंग से संबंधित है.
- आईपीसी की धारा 420 धोखाधड़ी का अपराध थी, लेकिन नए कानून में उतनी संख्या की धारा नहीं है. धोखाधड़ी भारतीय न्याय संहिता की धारा 316 के अंतर्गत आती है.
- अवैध जमावड़े से संबंधित आईपीसी की धारा 144 को अब धारा 187 कहा जाएगा.
- इसी तरह, आईपीसी की धारा 121, जो युद्ध छेड़ने, या युद्ध छेड़ने का प्रयास करने, या भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए उकसाने से संबंधित है, अब धारा 146 कहलाएगी.
- आईपीसी की धारा 499, जो मानहानि से संबंधित है, अब नए कानून की धारा 354 के अंतर्गत आती है.
- आईपीसी के तहत बलात्कार की सजा से संबंधित धारा 376, अब धारा 63 है. नए कानून के तहत, धारा 64 सजा से संबंधित है, जबकि धारा 70 सामूहिक बलात्कार के अपराध से संबंधित है.
- आईपीसी की धारा 124-ए, जो राजद्रोह से संबंधित है, अब नए कानून के तहत धारा 150 के रूप में जानी जाती है.

IPC:
धाराओं की संख्या 511 से घटकर 356 हो गई है.
175 धाराओं में बदलाव किया गया है.
8 नई धाराएं जोड़ी गई हैं.
22 धाराएं हटा दी गई हैं.

CrPC:
धाराओं की संख्या 533 से घटकर 524 हो गई है.
160 धाराओं में बदलाव किया गया है.
9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं.
9 धाराएं हटा दी गई हैं.

इसके अलावा भी कई ऐसी चर्चित धाराएं थीं जिनको बदल दिया गया है, या फिर उनकी धाराओं का नंबर बदल दिया गया है. अब एक जुलाई से ये प्रचलन में आ जाएंगे. इनका अध्ययन करना सभी के लिए जरूरी भी है.

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