Modi Govt: पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले पर विपक्षी गठबंधन के बड़े नेताओं ने खुशी जताई है. इतना ही नहीं ममता ने भी पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद ही अब 11 शास्त्रीय भाषाएं हो जाएंगी.
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Classical Languages Status: ऐसे मौके बहुत कम देखने को मिलते हैं सरकार के विरोधी खेमे के नेताओं की तरफ से सरकार के अगुआ यानि प्रधानमंत्री को खुलकर धन्यवाद दिया जाता है. लेकिन लोकतंत्र की यही खूबी है. अब ताजा मामला देखिए मोदी सरकार ने मराठी और बांग्ला सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया तो उसका धन्यवाद भी सरकार के खाते में आया. असल में हुआ यह कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई बड़ी योजनाओं को मंजूरी दी गई है. साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने पांच और भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मंजूरी दे दी है. इनमें मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाएं शामिल हैं.
असल में मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली को शास्त्रीय भाषा की श्रेणी में शामिल किया गया है. इससे पहले तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और ओडिया को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी जा चुकी है. भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 2004 को शास्त्रीय भाषाओं के रूप में भाषाओं की एक नई श्रेणी बनाने का फैसला किया था, जिसके तहत तमिल को शास्त्रीय भाषा घोषित किया गया था. सरकार ने शास्त्रीय भाषा के तहत दर्जा देने के लिए कुछ नियम निर्धारित किए थे.
इसके अलावा कैबिनेट की बैठक में तमिलनाडु के लिए भी कुछ ऐलान हुए तो सीएम स्टालिन की तरफ से भी धन्यवाद आ गया. बैठक में चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण के तहत तीन गलियारों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. परियोजना की लागत 63,246 करोड़ रुपये होगी और इसे 2027 तक पूरा करने की योजना है. दूसरे चरण के पूरी तरह से शुरू होने के साथ चेन्नई शहर में कुल 173 किलोमीटर का मेट्रो रेल नेटवर्क होगा. फैसले के बाद स्टालिन ने सोशल मीडिया ओर इसके लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया.
वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने लिखा कि खुशी है कि बांग्ला को आखिरकार भारत सरकार ने शास्त्रीय भाषा का दर्जा दे दिया है. हम संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार से यह मान्यता प्राप्त करने की कोशिश कर रहे थे. केंद्र सरकार ने आज शाम हमारे शोधपूर्ण दावे को स्वीकार कर लिया है और हम आखिरकार भारत में भाषाओं के समूह में सांस्कृतिक शिखर पर पहुंच गए हैं.
कैबिनेट के इस फैसले पर पीएम ने भी खुशी जताई. उन्होंने मराठी, बांग्ला और असमिया सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई और कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अटूट रही है. पीएम मोदी ने इस फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कई सिलसिलेवार पोस्ट किए और सभी भाषाओं की प्रशंसा भी की.
बता दें कि केंद्र सरकार ने मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषा को 'शास्त्रीय भाषा' का दर्जा दिया. इसके साथ ही अब 11 शास्त्रीय भाषाएं हो जाएंगी. ये दर्जा दिए जाने के कई नियम भी हैं. इसमें ग्रंथों की उच्च प्राचीनता या एक हजार वर्षों से अधिक का इतिहास देखा जाता है. इसके अलावा प्राचीन साहित्यिक ग्रंथों का एक समूह, जिसे बोलने वालों की पीढ़ियों के लिए एक मूल्यवान विरासत माना जाता है. साथ ही साहित्यिक परंपरा मौलिक होनी चाहिए और दूसरे भाषा समुदाय से नहीं ली जानी चाहिए. केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने साहित्य अकादमी के तहत नवंबर 2004 में शास्त्रीय भाषा के दर्जे के लिए प्रस्तावित भाषाओं की जांच करने के लिए एक भाषा विशेषज्ञ समिति का भी गठन किया था.