Mumbai News: गोखले पुल का एक हिस्सा 2018 में ढह गया था. हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी. इसके पुनर्निर्माण के लिए काफी तैयारी की गई थी. अलग किए जाने से पहले, पुल बर्फीवाला फ्लाईओवर से जुड़ा था.
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Mumbai Gokhale Bridge Barfiwala flyover: बीएमसी (BMC) एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं. इंजीनियरों की काबिलियत पर सवाल उठ रहे हैं. सोशल मीडिया पर अच्छा खासा मजाक उड़ा तो सियासत भी शुरू हो गई है. यहां पर बात मुंबई के मशहूर गोखले ब्रिज और बर्फीवाला फ्लाईओवर की जिनके बीच अलाइनमेंट के मिस-मैनेजमेंट पर बीएमसी की खिल्ली उड़ रही है. ट्रैफिक संभालने के लिहाज से बेहद अहम इन दोनों फ्लाईओवरों को जोड़ना बीएमसी के लिए टेढ़ी खीर साबित हुआ है. दोनों के बीच करीब 6 फीट का वर्टिकल गैप है. इसी को लेकर हंगामा बरपा है.
विपक्ष ने घेरा
इस गैप को लेकर विपक्ष ने एकनाथ शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा है कि क्या वो इस बात की उम्मीद करते हैं कि मुंबईकरों को दूसरे फ्लाईओवर तक पहुंचने के लिए अपने वाहनों के साथ लंबी छलांग लगानी पड़ेगी. जबकि बीएमसी ने इसे आर्किटेक्चर की उम्दा मिसाल बताते हुए ये दावा किया था यह देश के सबसे व्यस्त रेलवे पर बनाया गया सबसे अद्भुत मॉडल है. क्योंकि इसे स्थानीय और लंबी दूरी की ट्रेन सेवाओं को बाधित किए बिना तैयार किया गया है.
Shocking what the @mybmc under the BJP sponsored khoke sarkar and the corrupt administrator has fallen to.
Yes truly first in India, probably the world that the 2 bridges that were to be joined have a difference of 6 ft in height between the 2!
The guardian ministers have… https://t.co/o7rChOLvQW
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) February 27, 2024
90 करोड़ की लागत... फिर भी ऐसा
हाल ही में मुंबई में स्मूथ ट्रैफिक के लिहाज से बेहद अहम गोखले ब्रिज का एक हिस्सा खोला गया. सालों के इंतजार के बाद आखिरकार इसका काम पूरा हुआ. अब जब ये पुल खुला तो मुंबईवासी और विरोधी दल के नेता दोनों बीएमसी (BMC) का मजाक उड़ा उड़ा रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ब्रिज को, पहले से बने जिस फ़्लाइओवर से जोड़ना था पर दोनों की ऊंचाई में करीब डेढ़ से दो मीटर का फर्क है.
आपको बताते चलें कि ये ब्रिज करीब 90 करोड़ में बनकर तैयार हुआ है. यह मुंबई के लिए बेहद अहम रास्ता है. इस पुल का एक हिस्सा 2018 में ढह गया था. हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई थी. 2022 में इसके पुनर्निर्माण का टारगेट सेट किया गया था. दरअसल ये पुल बर्फीवाला फ्लाईओवर से जुड़ा था. जिसका इस्तेमाल जुहू और बांद्रा की ओर जाने के लिए किया जाता था.
बर्फीवाला ब्रिज पर बीएमसी की सफाई
BMC ने इस ब्रिज को लेकर कहा था कि ये मिस मैनेजमेंट या इंजीनियरिंग गलती का मामला नहीं है, बल्कि रेलवे की आधुनिकीकरण नीतियों का पालन है, जिससे भविष्य के विस्तार के लिए ऊंचाई में 2 मीटर की वृद्धि की जरूरत होती है. बीएमसी ने ऊंचाई के मुद्दे को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए IIT और VJTI से सलाहकार नियुक्त किए हैं. उम्मीद है कि पुल के दूसरे चरण का काम पूरा होने के साथ दिसंबर 2024 तक समाधान हो जाएगा. इस तरह जल्द से जल्द रैंप पूरा करने के लिए काम जारी है.