Opposition leaders meeting for Third Front: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार आज विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक करने जा रहे हैं. उधर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात करने जा रही हैं. ऐसे में एक बार फिर तीसरे मोर्चे की कवायद को लेकर चर्चा तेज हो गई है.
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अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Elections 2024) के लिए विपक्षी एकता की चर्चा के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार (NCP chief Sharad Pawar) ने विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में राज्यसभा में विपक्षी दलों के फ्लोर नेताओं को बुलाया गया है. बैठक में चर्चा का मुद्दा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) है लेकिन शरद पवार के बैठक बुलाए जाने के बाद सियासी गलियारों में तीसरे मोर्चे की कवायद को लेकर चर्चा तेज हो गई है.
चर्चा इसलिए भी तेज है क्योंकि बैठक से एक दिन पहले शरद पवार ने ऐलान किया कि वो लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए दूसरे दलों के साथ बातचीत कर बेहतर विकल्प तलाश करेंगे. इधर शरद पवार दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मंथन करेंगे तो उधर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पुरी में ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के साथ बैठक करेंगी.
'...तो मोदी हराना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा'
पुरी के जगन्नाथ मंदिर पहुंची ममता से जब पटनायक के साथ तीसरे मोर्चे पर चर्चा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सवाल को टाल दिया और कहा कि ये राजनीतिक मुद्दों पर बोलने का सही समय नहीं है. लेकिन ये सच है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव ने हाल के दिनों में इस दिशा में कुछ प्रयास किए हैं. ममता पहले ही कह चुकी हैं कि अगर राहुल गांधी विपक्ष के नेता बने रहे तो नरेंद्र मोदी को हराना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन है.
कांग्रेस से अलग बन रहा नया मोर्चा
दरअसल, कांग्रेस से अलग कई पार्टियां एकजुट होने की कोशिशें कर रही हैं. एक तरफ कांग्रेस है तो दूसरी तरफ टीएमसी, एनसीपी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, बीआरएस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट है.
इसी प्रयास के तहत पिछले दिनों कोलकाता में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी और दावा किया था कि 2024 में बीजेपी का सूपड़ा साफ कर देंगे.
कांग्रेस के बिना कोई फ्रंट कितना संभव?
कोलकाता में समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान अखिलेश ने अलग फ्रंट बनाने की कोशिशों की बात स्वीकारी थी लेकिन साथ ही ये भी कहा था कि कांग्रेस अपनी भूमिका खुद तय करें, लेकिन ममता और अखिलेश की कोशिशों को नकारते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि देश में कोई भी फ्रंट कांग्रेस के बिना संभव नहीं है. बीजेपी ने विपक्षी दलों के बीच फ्रंट बनाने को लेकर चल रही रस्साकसी पर तंज कसा है.
'कांग्रेस के एग्जिट गेट पर भिड़, एंट्री गेट खाली'
बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहा, हार के डिप्रेशन में इनके साथियों का सप्रेशन हो रहा है, आज आप देख सकते हैं हर दिन इनके जो साथ थे जिन्हें कहते थे उल्टा-पुल्टा अलायंस (UPA), उसका नतीजा है कि इनके एंट्री गेट पर एकदम सन्नाटा है, एग्जिट गेट पर भीड़ लगी है, भगदड़ मची हुई है.
कुछ हद तक बीजेपी की बातों में दम भी है. काफी समय से थर्ड फ्रंट बनाने की कोशिशें चल रही हैं लेकिन अब तक इसमें विपक्षी दलों को खास कामयाबी नहीं मिल पाई है. सबसे बड़ी बात ये कि मिशन 2024 में पीएम मोदी से मुकाबले के लिए तीसरा मोर्चा कोई सर्वमान्य चेहरा खोज नहीं पाया है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये कि बिना चेहरे के क्या तीसरे मोर्चे की नैया पार लग पाएगी?
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