Maratha Protest: क्यों शुरू हुआ मराठा आरक्षण आंदोलन? क्या है पेंच? क्यों जल उठा जालना
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Maratha Protest: क्यों शुरू हुआ मराठा आरक्षण आंदोलन? क्या है पेंच? क्यों जल उठा जालना

Maratha Reservation: मराठा आरक्षण के चलते महाराष्ट्र का जालना जल रहा है. आंदोलन ने शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया. पथराव और हिंसक हमलों में 42 पुलिसकर्मी घायल हो गए. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बसों में आग लगा दी, कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की.

Maratha Protest: क्यों शुरू हुआ मराठा आरक्षण आंदोलन? क्या है पेंच? क्यों जल उठा जालना

Maratha Reservation: मराठा आरक्षण के चलते महाराष्ट्र का जालना जल रहा है. आंदोलन ने शुक्रवार को हिंसक रूप ले लिया. पथराव और हिंसक हमलों में 42 पुलिसकर्मी घायल हो गए. विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बसों में आग लगा दी, कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की. आंदोलन में हिंसा भड़काने का काम पुलिस की लाठीचार्ज ने किया. आइये आपको बताते हैं मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन की पूरी कहानी के बारे में.

पहले आपको मराठा आरक्षण आंदोलन की शुरुआत के बारे में बताते हैं. महाराष्ट्र की आबादी में लगभग 30 फीसद मराठा वर्ग के लोग हैं. लंबे समय से ये वर्ग आरक्षण की मांग करता रहा है. 2018 में जब मराठा आरक्षण की मांग तेज हुई तो तत्कालीन सरकार ने 30 नवम्बर 2018 को विधानसभा में मराठा आरक्षण जुड़ा बिल पास किया. इसमें राज्य की सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में मराठाओं को 16 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया.

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मराठा आरक्षण बिल के खिलाफ मेडिकल छात्रों ने बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया. हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आरक्षण को 16 से घटाकर शिक्षण संस्थानों में 12 फीसदी और सरकारी नौकरियों में 13 प्रतिशत करने का आदेश पारित किया. याचिकाकर्ताओं ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 5 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को 50 फीसदी की सीमा का उल्लंघन बताते हुए रद्द कर दिया. जिसके बाद से मराठा आरक्षण की मांग और तेज हो गई.

ताजा घटनाक्रम में मराठा आरक्षण में हुई लाठीचार्च और फिर प्रदर्शनकरियों द्वारा हिंसा करने के मामले में पुलिस द्वारा 16 ज्ञात और 200 से 300 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. जालना के गोंदी थाने में 200 से 300 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. सरकारी काम में बाधा डालने, हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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बात दें कि मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था जिसके बाद गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने आगजनी शुरू कर दी. प्रदर्शनकारियों ने 15 बसें फूंक दीं और पथराव भी किया जिसमें 5 पुलिस अधिकारी और 32 पुलिसकर्मी घायल हो गए. तनावपूर्ण रात के बाद अब स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है. पुलिस ने जले हुए वाहनों को हटाया और धुले सोलापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को शुरू किया.

कल यानी एक सितंबर को प्रदर्शनकारियों की भूख हड़ताल का चौथा दिन था. जिसके बाद भीड़ अक्रामक हो गई ऐसी में विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. दरअसल, मराठा आरक्षण के लिए भूख हड़ताल पर बैठे मनोज जारांगे पाटिल की तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था. मुख्यमंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि जब पुलिस उन्हें अस्पताल ले जाने गई तो प्रदर्शनकारियों ने उन्हें रोक दिया और पथराव शुरू कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

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वहीं, जालना में हुए लाठीचार्ज के विरोध में मराठा समुदाय ने आज बंद का आह्वान किया है. महाराष्ट्र के बीड और धाराशिव जिला में भी आज बंद का एलान किया गया है. स्थिति को देखते हुए राज्य के विभिन्न जिलों की पुलिस प्रशासन को भी अलर्ट रखा गया है.

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