जिस पर फिदा था दिल्ली का यह सुल्तान वही बन गया जानी दुश्मन, हुई थी दर्दनाक मौत
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जिस पर फिदा था दिल्ली का यह सुल्तान वही बन गया जानी दुश्मन, हुई थी दर्दनाक मौत

Malik Kafur: दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की मौत के लिए कौन जिम्मेदार था. क्या वही शख्स यानी मलिक काफूर ही जानी दुश्मन बन गया जिसे वो बहुत अधिक पसंद करता था या वजह कुछ और थी.

जिस पर फिदा था दिल्ली का यह सुल्तान वही बन गया जानी दुश्मन, हुई थी दर्दनाक मौत

Malik Kafur Death: तेरहवीं सदी के अंतिम दशक में दिल्ली की गद्दी पर अलाउद्दीन खिलजी काबिज हुआ था. ऐसा कहा जाता है कि उसके चाचा और ससुर जलालुद्दीन खिलजी भी यह चाहते थे कि गद्दी पर अलाउद्दीन ही काबिज हो लेकिन उसे सुल्तान बनने की इतनी जल्दबाजी हुई कि कड़ा यानी आधुनिक प्रयागराज में जलालुद्दीन खिलजी को मरवा दिया. हालांकि इससे कुछ जानकार इत्तेफाक नहीं रखते. जलालुद्दीन के मारे जाने की वजह जो भी रही हो अलाउद्दीन 1296 में दिल्ली की गद्दी पर काबिज हो चुका था. दिल्ली की गद्दी संभालते ही उसे मंगोल आक्रमण का सामना करना पड़ा. ऐसी सूरत में उसे योग्य शख्स की जरूरत पड़ी. इन सबके बीच एक शख्स की एंट्री होती है जो इतिहास में मलिक काफूर के नाम से जाना जाता है.

मलिक काफूर- अलाउद्दीन खिलजी कनेक्शन

मलिक काफूर के बारे में कहते हैं कि उसने अपनी योग्यता से अलाउद्दीन खिलजी को इस कदर प्रभावित किया कि वो सामान्य फैसले भी बिना काफूर की सलाह लिए नहीं करता था. अपने पूर्ववर्ती सुल्तान गयासुद्दीन बल्बन की विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाते हुए उसने दक्षिण भारत की तरफ रुख किया और उसके मकसद को जमीन पर उतारने में काफूर शत प्रतिशत कामयाब रहा. मलिक काफूर की सैन्य क्षमता से अलाउद्दीन इतना प्रभावित हुआ कि वो नंबर दो की हैसियत पर आ गया. काफूर ना सिर्फ शासन प्रशासन में सुल्तान की मदद किया करता था बल्कि उसकी व्यक्तिगत जरूरतों को भी पूरा करता था.

हुई दर्दनाक मौत

चित्तौड़ की रानी पद्मावती की खूबसूरती की बातें जब अलाउद्दीन खिलजी तक पहुंची तो काफूर ने सलाह दिया कि वो चित्तौड़ पर हमला करे. उसकी सलाह के बाद चित्तौड़ की घेरेबंदी हुई हालांकि खिलजी के हाथ पद्मावती नहीं लगीं, इससे अलाउद्दीन नाराज, हताश हो गया उसे ऐसा लगने लगा कि काफूर ने षड़यंत्र रच उसे दिल्ली की गद्दी से हटाना चाहता था और वहीं से दोनों के बीच तल्खी बढ़ी. कुछ इतिहासकार कहते हैं कि काफूर की महत्वाकांक्षा इस हद तक बढ़ गई कि वो अलाउद्दीन खिलजी को गद्दी से हटाने के बारे में सोचने लगा और अपनी महत्वाकांक्षा को जमीन पर उतारने के लिए अलाउद्दीन को जहर देने लगा. हालांकि कुछ इतिहासकारों के मुताबिक अलाउद्दीन की मौत की वजह जलोदर से हुई जिसे हम सभी ड्राप्सी के नाम से जानते हैं. खिलजी की मौत के बाद मलिक काफूर ने उसके बेटे को गद्दी पर बिठा राजकाज शुरू कर दिया था. लेकिन अलाउद्दीन के अंगरक्षकों ने दर्दनाक मौत दे दी.

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