Maharashtra: क्या विधानसभा से अयोग्य करार दिए जाएंगे CM शिंदे और अन्य विधायक? स्पीकर सुनाएंगे फैसला
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Maharashtra: क्या विधानसभा से अयोग्य करार दिए जाएंगे CM शिंदे और अन्य विधायक? स्पीकर सुनाएंगे फैसला

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सीएम एकनाथ शिंदे और शिवसेना के अन्य विधायकों की पात्रता और अपात्रता पर आज शाम 4 बजे के बाद कभी भी फैसला आने की संभावना है. इससे एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले दोनों गुटों का आगे का रास्ता तय होगा.

Maharashtra: क्या विधानसभा से अयोग्य करार दिए जाएंगे CM शिंदे और अन्य विधायक? स्पीकर सुनाएंगे फैसला

Shiv Sena MLA Disqualification Case: महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मची हुई है. एक तरफ इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग पर तकरार है तो वहीं दूसरी तरफ शिंदे दल के 16 विधायकों पर अयोग्यता का खतरा मंडरा रहा है. लंबी सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर लंबी सुनवाई के बाद सीएम एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 16 विधायकों के खिलाफ दल बदल कानून के तहत अयोग्यता पर अपना फैसला सुनाएंगे. इस बीच इस मामले को लेकर शिवसेना का उद्ध‌व गुट पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. उद्धव गुट ने फैसला सुनाने के लिए निर्धारित 10 जनवरी की समय सीमा से महज तीन दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष और सीएम शिंदे के बीच मुलाकात की निंदा की है और इसको सुप्रीम कोर्ट के ध्यान में लाने के लिए प्रतिज्ञा पत्र दाखिल किया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 दिसंबर 2023 को अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला करने की समय सीमा 31 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी थी.

आज शाम 4 बजे के बाद होगा विधायकों की किस्मत का फैसला

महाराष्ट्र में शिवसेना विधायकों की पात्रता और अपात्रता पर आज शाम 4 बजे के बाद कभी भी फैसला आने की संभावना है. विधानसभा अध्यक्ष के फैसले से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले दोनों गुटों का आगे का रास्ता तय होगा. वहीं, आज फैसले से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सुबह 10 बजे मंत्रिमंडल के साथ बैठक करेंगे. विधायकों की पात्रता और अपात्रता को लेकर यह बैठक बेहद खास बताई जा रही है. इससे पहले देर रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के वर्षा बंगले पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस की बैठक हुई थी, जिसमें मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फनसालकर और महाराष्ट्र की पहली महिला डीजीपी रश्मि शुक्ला की बैठक में शामिल हुए थे.

सीएम शिंदे के घर पर हुई थी विधानसभा अध्यक्ष की मुलाकात

फैसले से एक दिन पहले विरोध जताते हुए शिवसेना (यूबीटी) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर शिवसेना विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसले से पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के बीच हुई बैठक पर आपत्ति जताई है. रिपोर्ट के अनुसार, राहुल नार्वेकर ने 7 जनवरी को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी. इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा है कि अगर न्यायाधीश (नार्वेकर) आरोपी से मिलने जाते हैं, तो हमें न्यायाधीश से क्या उम्मीद करनी चाहिए.' इस पर शरद पवार ने भी कहा कि जब किसी मामले की सुनवाई कर रहा कोई व्यक्ति उस व्यक्ति से मिलता है, जिसके खिलाफ मामले की सुनवाई हो रही है, तो इससे संदेह पैदा होता है.

विधायकों की अयोग्यता मामले में फैसले का सरकार पर नहीं पड़ेगा असर: फडणवीस

इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि विधायकों की अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष का फैसला कुछ भी हो, उसका शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा और सरकार स्थिर रहेगी. उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार कानूनी रूप से वैध है और उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला विधायकों को न्याय प्रदान करेगा. फडणवीस ने ने कहा, 'हमारा पक्ष मजबूत है. हमारी सरकार कानूनी तौर पर मजबूत है. हमें उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष से हमें न्याय मिलेगा. हमारी सरकार कल भी स्थिर थी और कल भी स्थिर रहेगी.'

विधायकों के बगावत के बाद हुआ था शिवसेना का विभाजन

एकनाथ शिंदे और अन्य विधायकों की बगावत के कारण जून 2022 में शिवसेना में विभाजन हुआ था. बता दें कि जून 2022 में एकनाथ शिंदे और कई अन्य विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके बाद महा विकास आघाड़ी (MVA) की गठबंधन सरकार गिर गई थी. इसके साथ ही शिवसेना का विभाजन उद्धव गुट और शिंदे गुट में हो गया था. इसके बाद शिंदे और ठाकरे गुटों द्वारा दलबदल रोधी कानूनों के तहत एक-दूसरे के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए याचिकाएं दायर की गई थीं. जून 2022 में ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थन से एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने थे. निर्वाचन आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को 'शिवसेना' नाम और ‘तीर धनुष’ चुनाव चिह्न दिया, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना (यूबीटी) नाम और मशाल चुनाव चिह्न दिया. पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत कर दिया था और कई विधायकों के साथ सरकार में शामिल हो गए थे. महाविकास अघाड़ी गठबंधन में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस भी शामिल थी.

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