Maharashtra Politics: महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंदे सरकार ने 3 गुना बढ़ाया मदरसा टीचरों का वेतन, बचाव में उतरे BJP नेता; क्या है NCP कनेक्शन?
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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंदे सरकार ने 3 गुना बढ़ाया मदरसा टीचरों का वेतन, बचाव में उतरे BJP नेता; क्या है NCP कनेक्शन?

Maharasthra Assembly Elections: भाजपा के नेता किरीट सोमैया ने मदरसा शिक्षकों के वेतन को तीन गुना बढ़ाने के महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भाजपा यह नहीं देखती कि शिक्षक किस धर्म से संबंधित है.

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र चुनाव से पहले शिंदे सरकार ने 3 गुना बढ़ाया मदरसा टीचरों का वेतन, बचाव में उतरे BJP नेता; क्या है NCP कनेक्शन?

Maharashtra Madarsa Teacher's Salary Hike: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 से ठीक पहले एकनाथ शिंदे की कैबिनेट ने मदरसा टीचरों का वेतन तीन गुना बढ़ाने का बड़ा फैसला लिया है. मदरसा टीचरों को अभी तक मिलने वाले छह हजार रुपये प्रति महीने की सैलरी अब लगभग तीन गुना बढ़ाकर 16 हजार रुपये कर दिया जाएगा. कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी गई है.

महायुति सरकार के फैसले का सबसे पहले भाजपा ने किया बचाव

महायुति सरकार के फैसले पर हंगामा होने से पहले ही गठबंधन में शामिल भाजपा ने आगे बढ़कर इसका स्वागत किया. भाजपा नेता किरीट सोमैय ने तो सरकार के इस फैसले के पीछे की वजह भी बताई है. उन्होंने मदरसों में डी.एड. और बी.एड. टीचरों के वेतन बढ़ाने के महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि भाजपा शिक्षा और स्वास्थ्य को धार्मिक सीमाओं से परे मानती है और धर्मनिरपेक्ष सरोकारों के रूप में देखती है.

'भाजपा कभी यह नहीं देखती कि शिक्षक किस धर्म से संबंधित है'

किरीट सोमैया ने आगे कहा, "हमारी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करने वाले शिक्षकों के वेतन में वृद्धि की गई है. शिक्षा और स्वास्थ्य सरकार की जिम्मेदारी है. इस क्षेत्र में काम करते समय भाजपा यह नहीं देखती कि शिक्षक किस धर्म से संबंधित है." महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने मदरसों में डी.एड. और बी.एड. शिक्षकों के वेतन में वृद्धि के फैसले को मंजूरी दी थी. साथ ही मौलाना आजाद अल्पसंख्यक आर्थिक विकास निगम की शेयर पूंजी को 700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1,000 करोड़ रुपये करने को भी मंजूरी दी.

मुख्यमंत्री  शिंदे की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि फिलहाल डी.एड. शिक्षकों को 6000 रुपये प्रति महीने का वेतन दिया जाता है, इसे बढ़ाकर 16,000 रुपये प्रति माह किया जाएगा. इससे पहले, सीएम शिंदे की अगुवाई में राज्य मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा को देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित करने का आग्रह किया था. रतम टाटा का बुधवार को मुंबई में निधन हो गया था.

नॉन क्रीमी लेयर और राज्य अनुसूचित जाति आयोग पर भी प्रस्ताव

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के ऑफिस की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, कैबिनेट बैठक में महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए एक मसौदा अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई. विधानमंडल के अगले सत्र में यह अध्यादेश पेश किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग के लिए 27 पद स्वीकृत किए गए हैं. इसके अलावा, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल की बैठक में यह भी फैसला किया गया कि वह केंद्र सरकार से गैर-क्रीमी लेयर के लिए आय सीमा मौजूदा आठ लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का अनुरोध करेगा. 

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महायुति सरकार के फैसले के पीछे आपसी खींचतान भी बड़ी वजह

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली भाजपा-शिवसेना और एनसीपी की महायुति सरकार ने चुनावी लिहाज से मुस्लिमों को लुभाने के लिए बड़ा फैसला लेने के पीछे आपसी खींचतान भी एक वजह बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि इस फैसले को महायुति सरकार के घटक दल यानी एनसीपी के प्रमुख और डिप्टी सीएम अजित पवार की राजनीतिक सोच के तौर पर देखा जा रहा है. हाल ही में उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन के तहत एनसीपी को जितनी भी सीटें मिलेंगी, उस कोटे से दस फीसदी टिकट अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को दिया जाएगा.

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