महाराष्ट्र में चाचा Vs भतीजा, कौन मारेगा बाजी? युगेंद्र बोले- अजित पवार के खिलाफ लड़ना चुनौती लेकिन...
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महाराष्ट्र में चाचा Vs भतीजा, कौन मारेगा बाजी? युगेंद्र बोले- अजित पवार के खिलाफ लड़ना चुनौती लेकिन...

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav: युगेंद्र ने कहा कि इस बार बारामती के लोगों ने ही उन्हें क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुना है. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राकांपा (एसपी) ने बारामती से युगेंद्र को मैदान में उतारा है, जो अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं. 

महाराष्ट्र में चाचा Vs भतीजा, कौन मारेगा बाजी? युगेंद्र बोले- अजित पवार के खिलाफ लड़ना चुनौती लेकिन...

Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र की बारामती विधानसभा सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार ने कहा कि अपने चाचा अजित पवार के खिलाफ चुनाव लड़ना उनके लिए एक चुनौती है लेकिन वह चिंतित नहीं हैं क्योंकि लोगों की दुआएं और आशीर्वाद उनके साथ हैं. 

युगेंद्र ने कहा कि इस बार बारामती के लोगों ने ही उन्हें क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए चुना है. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राकांपा (एसपी) ने बारामती से युगेंद्र को मैदान में उतारा है, जो अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास के बेटे हैं. यह युगेंद्र का पहला चुनाव है. वहीं, पुणे जिले के बारामती में दबदबा रखने वाले पवार परिवार के दो सदस्यों के बीच यह बीते छह महीने में दूसरा चुनावी मुकाबला है.

मई में भी पवार परिवार में हुआ था 'मुकाबला'

मई में शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने बारामती लोकसभा क्षेत्र से अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार के खिलाफ चुनाव लड़ा था.

सुप्रिया ने अपनी भाभी को 1.58 लाख से अधिक मतों से करारी शिकस्त देते हुए बारामती सीट बरकरार रखी थी. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की स्थापना शरद पवार ने 1999 में की थी. जुलाई 2023 में उनके भतीजे अजित पवार के बगावत करने और एकनाथ शिंदे की अगुआई वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद राकांपा दो फाड़ हो गई थी. 

'तब चाचा के साथ आशीर्वाद था, अब मेरे साथ है'

युगेंद्र ने कहा, 'जब मेरे चाचा (अजित पवार) ने बारामती से चुनाव लड़ा था, तब पवार साहब का आशीर्वाद उनके साथ था... लेकिन अब उनका आशीर्वाद मेरे साथ है. पवार साहब के पास अधिक अनुभव है, जिससे मुझे प्रोत्साहन मिला है और मेरा हौसला बढ़ा है.' उन्होंने कहा कि बारामती निर्वाचन क्षेत्र में वह भी मेहनत कर रहे हैं और अपने लिए एक मजबूत जनाधार कायम किया है.

 युगेंद्र ने कहा, 'मेरे माता-पिता सामाजिक कार्य में सक्रिय हैं, मैं शैक्षणिक संस्थानों और कुश्ती संघ से जुड़ा हूं. मेरी फैक्टरी यहां है और मैं जैविक खेती कर रहा हूं.' उन्होंने कहा, '(शरद) पवार साहब की सद्भावना का 99 फीसदी योगदान है, जबकि मेरा प्रयास केवल एक प्रतिशत है.' लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी बुआ सुप्रिया सुले के लिए प्रचार करने वाले युगेंद्र ने स्वीकार किया कि संसदीय चुनाव के दौरान सुप्रिया को बारामती विधानसभा क्षेत्र से जो बढ़त मिली वह उनके लिए उम्मीद की किरण है.

क्या बोले युगेंद्र?

बारामती विधानसभा क्षेत्र में सुप्रिया को 1,43,941 वोट, जबकि सुनेत्रा पवार को 96,560 मत मिले थे. यह पूछे जाने पर कि क्या बारामती के लोगों के लिए इस बार किसी एक को चुनना आसान नहीं होगा, क्योंकि पवार परिवार से अजित पवार बारामती से पारंपरिक रूप से विधानसभा चुनाव लड़ते आए हैं, जबकि सुप्रिया सुले ने लोकसभा चुनाव लड़ा था, युगेंद्र ने कहा कि जब उन दोनों ने शरद पवार के साथ काम किया था, तब ही उनकी जीत की राह तैयार हुई थी. 

उन्होंने भरोसा जताया, 'लेकिन बदले राजनीतिक परिदृश्य के साथ ये चीजें भी बदल गई हैं. बारामती के लोग पवार साहब की विचारधारा के साथ जाएंगे.' युगेंद्र (32) ने कहा, 'मेरे बारामती से चुनाव लड़ने का फैसला मैंने या पवार साहब ने नहीं किया था. यह बारामती के लोग है, जिन्होंने फैसला किया कि मुझे क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहिए.' उन्होंने कहा कि राकांपा के दोनों गुटों में से कौन असली है, इसका सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि पार्टी के संस्थापक शरद पवार हैं और यह लोकसभा चुनाव (के नतीजों) से भी साबित हो गया.

(इनपुट-पीटीआई)

 

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