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Pangarchulla Peak: बस्तर के किशोर पारेख का साहस! 61 की उम्र में की 15 हजार फीट ऊंची चोटी फतह

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के किशोर पारेख ने 7 दिन की कठिन चढ़ाई के बाद 15 हजार फीट ऊंची पांगर्चुल्ला चोटी पर तिरंगा फहराया. खराब मौसम का सामना करने के बावजूद उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की, चलिए जानते हैं उनके पूरे सफर के बारे में...

अद्भुत उपलब्धि

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अद्भुत उपलब्धि

जगदलपुर के किशोर पारेख ने एक अद्भुत उपलब्धि हासिल करते हुए 61 वर्ष की उम्र में 15 हजार फीट ऊंची पांगर्चुल्ला चोटी पर तिरंगा फहराया है. 7 दिनों की कठिन चढ़ाई के बाद, खराब मौसम का सामना करते हुए वे 6 मई को चोटी पर पहुंचे. 

 

साहस-दृढ़ संकल्प का प्रमाण

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साहस-दृढ़ संकल्प का प्रमाण

यह उपलब्धि पारेख के साहस और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है. बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनकी सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बस्तर और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है.

 

कौन हैं किशोर पारेख?

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कौन हैं किशोर पारेख?

जगदलपुर शहर के 61 वर्षीय प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता किशोर पारेख ने उत्तराखंड की  पांगर्चुल्ला चोटी पर तिरंगा फहराया है. आपको बता दें कि किशोर पारेख पूर्व में बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.

छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया

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छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया

जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट लेकर घर बैठ जाते हैं, उस उम्र में किशोर पारेख ने 15 हजार फीट ऊंची चोटी पर पहुंचकर बस्तर और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया.

 

बर्फ से ढका पांगर्चुल्ला पर्वत

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बर्फ से ढका पांगर्चुल्ला पर्वत

आपको बता दें कि बर्फ से ढका पांगर्चुल्ला पर्वत उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. किशोर पारेख और उनकी टीम को यहां पहुंचने में 7 दिन लगे, उन्होंने 30 अप्रैल से 15 हजार फीट ऊंची चोटी पर चढ़ना शुरू किया और 5 मई को चोटी पर पहुंचना था. 

 

खराब मौसम ने पैदा की बाधा

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खराब मौसम ने पैदा की बाधा

हालांकि, खराब मौसम के कारण किशोर पारेख और उनकी टीम 6 मई की सुबह करीब 8 बजे पांगर्चुल्ला की चोटी पर पहुंचे. उन्हें -10 डिग्री तापमान का सामना करना पड़ा.

खराब मौसम ने पैदा की बाधा

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खराब मौसम ने पैदा की बाधा

हालांकि, खराब मौसम के कारण किशोर पारेख और उनकी टीम 6 मई की सुबह करीब 8 बजे  पांगर्चुल्ला की चोटी पर पहुंचे. उन्हें -10 डिग्री तापमान का सामना करना पड़ा.

 

कुल 15 लोग शामिल थे

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कुल 15 लोग शामिल थे

गौरतलब है कि पांगर्चुल्ला पर्वत की चोटी तक पहुंचने के इस अभियान में कुल 15 लोग शामिल थे. इनमें से अधिकतर सदस्य कर्नाटक के मैसूर और बेंगलुरु से थे. जबकि किशोर पारेख छत्तीसगढ़ से शामिल हुए.

सीएम साय ने की सराहना

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सीएम साय ने की सराहना

किशोर पारेख की सफलता पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किशोर पारेख की सराहना की. सीएम साय ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी प्रतिक्रिया दी.