NEET UG 2022: विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने से पहले जान लें NMC की गाइडलाइंस
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NEET UG 2022: विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने से पहले जान लें NMC की गाइडलाइंस

NEET UG 2022: यूक्रेन रूस युद्ध के चलते हजारों भारतीय छात्रों को, जो यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, उन्हें पढ़ाई बीच में छोड़कर ही स्वदेश वापस लौटना पड़ा था. ऐसे में इन छात्रों के भविष्य के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में विदेशों में मेडिकल की पढ़ाई करने से पहले एनएमसी की गाइडलाइंस जानना बेहद जरूरी है. 

NEET UG 2022: विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने से पहले जान लें NMC की गाइडलाइंस

NEET UG 2022: देश के लाखों युवाओं का सपना मेडिकल फील्ड में जाने का होता है. हालांकि देश में मेडिकल की सीटें सीमित हैं तो बड़ी संख्या में भारतीय युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेशों का रुख करते हैं. कई देशों में मेडिकल की पढ़ाई भारत के मुकाबले थोड़ी सस्ती भी है, इसलिए भी बड़ी संख्या में भारतीय युवा विदेशी यूनिवर्सिटीज से मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते हैं. ऐसे में अगर आप भी या आपके कोई परिचित विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने के बारे में सोच रहे हैं सबसे पहले आप नेशनल मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइंस के बारे में जान लें. 

NMC की गाइडलाइंस

एनएमसी की गाइडलाइंस और Foreign Medical Graduates Licentiate Regulation 2021 के प्रावधान के अनुसार, विदेश में पढ़ाई करने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स को अपना कोर्स, ट्रेनिंग, इंटर्नशिप अपनी विदेशी यूनिवर्सिटी में ही पूरा करना होगा. भारत की यूनिवर्सिटीज से ऐसा करने की अनुमति नहीं है. 
जिस विदेशी मेडिकल यूनिवर्सिटी से आप पढ़ाई करने के बारे में सोच रहे हैं, वहां यह पता कर लें कि कोर्स की अवधि कम से कम 54 महीने होनी चाहिए. क्योंकि इससे कम की अवधि वाले मेडिकल कोर्स को एनएमसी मान्यता नहीं देगा. 
विदेशी यूनिवर्सिटी में कम से कम एक साल की इंटर्नशिप करने की सुविधा होनी चाहिए और पढ़ाई का माध्यम भी इंग्लिश मीडियम होना चाहिए. 
FMGL 2021 के शेड्यूल 1 में कुछ सब्जेक्ट के बारे में जानकारी दी गई है. विदेशी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई में इन सब्जेक्ट की पढ़ाई करना जरूरी है. 

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन रूस युद्ध के चलते हजारों भारतीय छात्रों को, जो यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, उन्हें पढ़ाई बीच में छोड़कर ही स्वदेश वापस लौटना पड़ा था. ऐसे में इन छात्रों के भविष्य के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया था. हालांकि भारत सरकार ने इन छात्रों को थोड़ी राहत दी है और उन्हें भारत में प्रैक्टिस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम देने की अनुमति दे दी है. हालांकि इन छात्रों को 30 जून 2022 से पहले की पढ़ाई का सर्टिफिकेट अपनी यूनिवर्सिटी से लाना होगा. साथ ही इन छात्रों को भारत में दो साल की इंटर्नशिप पूरी करनी होगी.  

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