मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके इसका हल निकालेंगे. लेकिन हम 51 हजार नहीं दे पाएंगे. हमारी सरकार विचार करेगी. हम 51 हजार देकर लोगों को भड़काने का काम नहीं करेंगे.
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भोपाल: शिवराज सरकार ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है. सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना में बड़ा बदलाव किया है. सरकार ने योजना के तहत 51 हजार की राशि देने से इनकार कर दिया है.
सरकार में सामाजिक न्याय मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने अपने एक बयान में कहा है कि योजना में पिछली शिवराज सरकार में तय राशि ही दी जाएगी. शिवराज सरकार ने 28 हजार देने का ऐलान किया था. मंत्री ने कहा कि पिछली कमलनाथ सरकार ने बिना सोचे-समझे इसे बढ़ाने का फैसला ले लिया था. जिन हितग्राहियों को योजना के तहत 51 हजार का भुगतान नहीं हो सका, उनको मौजूदा सरकार उतनी राशि नहीं देगी.
मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहज हजारों मामलों में राशि का सरकार ने भुगतान नहीं किया और अब मौजूदा सरकार पिछली सरकार की बकाया राशि का भुगतान नहीं करेगी. हमारी अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई जिसमें उन्होंने राशि जारी करने में असमर्थता जताई थी. मुख्यमंत्री के साथ बैठक करके इसका हल निकालेंगे. लेकिन हम 51 हजार नहीं दे पाएंगे. हमारी सरकार विचार करेगी. हम 51 हजार देकर लोगों को भड़काने का काम नहीं करेंगे.
शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, मध्य प्रदेश के मूल निवासी बच्चों को ही मिलेगी सरकारी नौकरी
छत्तीसगढ़ की गौ धन योजना लागू करने पर विचार
वहीं कांग्रेस सरकार के 1000 स्मार्ट गौशाला बनाने के दावों पर सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में एक भी गौशाला बनकर तैयार नहीं हुई. शिवराज सरकार सभी गौशाला बनाएगी. मंत्री ने छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की गौ धन योजना को लेकर कहा कि सरकार इसे लागू कर सकती है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की योजना का अध्ययन करेंगे. अगर यह अच्छी तरह चली तो मध्य प्रदेश में लागू करने पर विचार करेंगे. इसके लिए सीएम शिवराज से भी चर्चा करेंगे. वहां जाकर देखने की जरूरत नहीं है.
कैसे और किन कन्याओं को मिलती है यह राशि
इस योजना के तहत हर कन्या के विवाह संस्कार में लगने वाली सामग्री खरीदने के लिए 5000 रुपए खर्च किए जाते हैं.
सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित कराने वाली संस्था को कार्यक्रम की तैयारी के लिए प्रति कन्या 3,000 रुपए दिए जाते हैं.
- कन्या या कन्या के अभिभावक मध्यप्रदेश के मूल निवासी हों.
- शादी कर रहे जोड़े में बेटी 18 वर्ष और उसका होने वाले वाला पति 21 साल से कम उम्र का न हो.
- इसके अलावा कन्या का नाम समग्र विवाह पोर्टल पर रजिस्टर हो.
- ऐसी परित्यक्ता महिला जो निराश्रित हो और स्वयं के पुनर्विवाह के लिए आर्थिक रूप कमजोर हो.
- जिनका कानूनी रूप से तलाक हो गया हो वे भी इस योजना के लाभ ले सकती हैं.
- ऐसी विधवा महिला जो निराश्रित हो और स्वयं के पुनर्विवाह के लिए आर्थिक रुप से सक्षम न हो.
- आदिवासी अंचलों में प्रचलित जनजातीय विवाह पद्धति से एकल विवाह करने पर भी योजना का लाभ मिलता है.
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