Bhopal female Ruler: नवाब सुल्तान जहां बेगम भोपाल रियासत की एक प्रगतिशील शासक थीं. उन्होंने महिला शिक्षा, सामाजिक सुधारों और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
आमतौर पर हम किसी राजा, महाराजा, नवाब या बेगम को उनकी बेशुमार दौलत या उनके अजीबो-गरीब शौक़ के लिए याद करते हैं. लेकिन भोपाल मुस्लिम रियासत की एक महिला शासक ऐसी भी थीं जिन्होंने 19वीं सदी की शुरुआत में महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम किया था.
सुल्तान जहां बेगम का जन्म 9 जुलाई 1858 को हुआ था. उन्होंने 16 जून 1901 से 20 अप्रैल 1926 तक भोपाल रियासत पर शासन किया. ये भोपाल रियासत की महिला शासक थीं. इतिहास में उन्हें एक समाज सुधारक और महिलाओं को बढ़ावा देने वाली शासक के रूप में देखा जाता है.
नवाब सुल्तान जहां बेगम ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना में सर सैयद अहमद खान को विशेष सहायता की थी. ऑल इंडिया मुहम्मडन एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्माण के लिए उन्होंने 50,000 रुपये का दान दिया था. यह आज भी मौजूद है और इसलिए इसे सुल्तान जहां मंज़िल के नाम से जाना जाता है.
इसके अलावा कहा जाता है कि उन्होंने अलीगढ़ में शेख अब्दुल्ला द्वारा शुरू किए गए गर्ल्स स्कूल को भी मासिक अनुदान दिया था, जिसे आज एएमयू के महिला कॉलेज के रूप में जाना जाता है.
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद उन्हें संस्थापक चांसलर बनाया गया. सुल्तान जहां बेगम विश्वविद्यालय की पहली महिला चांसलर हैं.
उन्हें फ़ारसी भाषा में अच्छी जानकारी थी, उन्होंने लगभग 26 किताबें लिखी हैं. इन किताबों में उन्होंने पारिवारिक रिश्तों के अलावा पारस्परिक रिश्तों के बारे में भी बहुत कुछ लिखा है. शिक्षा को बढ़ावा देने के अलावा उन्होंने कई सामाजिक सुधार किए हैं.
सुल्तान जहां बेगम के कार्यकाल में भोपाल पुलिस व्यवस्था एवं जनगणना प्रारंभ हुई. इसके अलावा उन्होंने डाक व्यवस्था के साथ-साथ बिजली व्यवस्था की शुरुआत भी करवाई थी.
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