Dhirendra Shastri Guru: कौन थे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा गुरु, जिनकी कृपा बागेश्वर धाम के बाबा को हुई प्राप्त
Advertisement

Dhirendra Shastri Guru: कौन थे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा गुरु, जिनकी कृपा बागेश्वर धाम के बाबा को हुई प्राप्त

Dada Guru of Dhirendra Krishna Shastri: आज हम आपको बताएंगे कि बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा गुरु यानी भगवान दास गर्ग कौन थे?

Dhirendra Krishna Shastri Dada Guru Bio

Dhirendra Krishna Shastri Dada Guru Bio: बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पिछले कुछ महीनों से काफी सुर्खियों में हैं और उनसे जुड़ी कई खबरें आती रहती हैं. गौरतलब है कि उनके कई भक्त और लोग अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए बाबा के दरबार में आते हैं. आपने ये बात तो सुनी होगी कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि उनको बागेश्वर बालाजी और उनकी दादा गुरु की कृपा प्राप्त है और उनके चलते ही उनके दरबार में वो लोगों की मन की बात जान लेते हैं. दादा गुरु की कृपा से उन्हें जो आभास होता है, वह पर्ची में लिख कर देते हैं तो चलिए हम आपको बताते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री के दादा या दादा गुरु कौन थे?

कौन थे धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा?
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपनी कुछ कथाओं के दौरान अपनी दादा गुरू के बारे में बताया है. बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री के दादा का नाम भगवान दास गर्ग था और उनके 7 बच्चे थे. जिसमें धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता रामकृपाल गर्ग उनके पांचवें नंबर की संतान थे. बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री के दादा के 10 पोते थे. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बताते हैं कि उनके दादा उनको बहुत ज्यादा प्यार करते थे और वह अक्सर उनको अपनी झूठी चाय पिलाते थे. 

भगवान दास गर्ग निर्मोही अखाड़े से जुड़े थे
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दादा पंडित भगवान दास गर्ग बागेश्वर धाम में अपना दरबार लगाते थे.पंडित भगवान दास गर्ग चित्रकूट के निर्मोही अखाड़े से जुड़े थे और उन्होंने वहीं से दीक्षा प्राप्त की थी.

 

जंगल में मेला लग जाता था
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कहते हैं कि उनके दादा गुरु जी के प्रताप से ही वह आज बोलने लायक हैं और उनका प्रभाव इतना ज्यादा था कि अगर वह जंगल में बैठ जाते थे तो वहां पर ही मेला लग जाता था.

लाल बत्तियां खड़े रहती थीं: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया था कि उनके दादाजी के दरबार में बड़े-बड़े अधिकारी आते थे.इसलिए उनके छोटे से गढ़ा गांव में लाल बत्तियां खड़े रहती थीं.

Trending news