Ratlam News: मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में एक्सप्रेस से गुजरना असुरक्षित हो गया है. यहां अंधेरा होते ही वाहनों पर पत्थर बरसने लगते हैं. इस पथराव के कारण कई वाहनों के कांच टूट चुके हैं, जबकि कई लोग घायल हो चुके हैं. जानिए आखिर ये लुटेरों का आतंक है या इसके पीछे कुछ और कारण है.
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Ratlam News: रतलाम जिले से गुजरने वाले 8 लेन के एक्सप्रेस वे पर सफर करना लोगों के खतरनाक हो गया है. लंबी दूरी से राहत पाने के लिए यात्री जहां इस एक्सप्रेस वे के जरिए गुजरते थे, वहां अब उनकी जान उन्हें असुरक्षित लगने लगी है. रतलाम के धामनोद से शिवगड के बीच 25 KM के एक्सप्रेस वे पर गुजरने वाली गाड़ियों पर पथराव हो रहा है. इससे कभी कोई घायल हो रहा है तो कई वाहनों को नुकसान पहुंच रहा है.
एक्सप्रेस वे पर पथराव
इन दिनों रतलाम के 8 लेन एक्सप्रेस वे से होकर निकलना काफी खतरनाक साबित हो रहा है. रतलाम के धामनोद से शिवगड के बीच 25 किलोमीटर के एक्सप्रेस वे का सफर लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे में सफर के दौरान जिले के धामनोद-शिवगड के बीच रात में वाहनों पर पथराव हो रहा है. आए दिन हो रहे इस पथराव के कारण कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि कुछ लोग घायल भी हुए हैं.
नहीं होती कोई लूट
सबसे बड़ी हैरानी की बात ये है कि वाहनों पर पथराव तो हो रहा है लेकिन अब तक वाहनों को रोककर किसी भी तरह की लूट को अंजाम नहीं दिया गया है. वहीं, ज्यादातर छोटे वाहन, कार और सवारी वाहनों को ही पथराव का निशाना बनाया जा रहा है.
अंधेरा होते ही होता है पथराव
एक्सप्रेस वे पर अंधेरा होते ही पथराव शुरू हो जाता है. शाम ढलते ही धामनोद रतलाम के बीच एक्सप्रेस वे पर थांदला से रतलाम की ओर आने वाले वाहनों पर पथराव किया जा रहा है.
पूर्व विधायक की गाड़ी पर भी पथराव
जनवरी के महीने में इस एक्सप्रेस वे पर पूर्व विधायक दिलीप मकवाना के वाहन पर भी पथराव हुआ था, जिसमे उनकी गाड़ी का कांच भी टूट गया था.
क्या है पथराव का कारण?
इस पथराव को लेकर रतलाम एसपी राहुल लोढा का कहना है कि पहले भी पथराव की घटनाएं हुईं थी. क्षेत्र के आदिवासी ये पथराव कर रहे हैं. दरअसल, एक्सप्रेस वे से आदिवासियों के गांव और खेत में जाने की समस्या बढ़ गई है. ऐसे में कुछ नाराज युवक पथराव कर रहे थे. इसे लेकर गश्त बढ़ाई गई है. साथ ही ग्रामीणों को समझाया भी गया है. जो भी पथराव कर रहे हैं उन पर कारवाई भी की जाएगी. साथ ही ग्रामीणों की समस्याओं को सुलझाने की कोशिश जारी है.
इनपुट- रतलाम से चंद्रशेखर सोलंकी की रिपोर्ट, ZEE मीडिया
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