Vinayak Chaturthi:हिंदू धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. साथ ही हर माह पड़ने वाले संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी पर भी गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है. आषाढ़ माह की विनायक चतुर्थी कल यानी 03 जुलाई को है. आइए जानते हैं कैसे करें गणेश जी की पूजा और क्या है इसका महत्व.
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Vinayak Chaturthi July 2022: हिंदू पंचाग के अनुसार हर महीने दो चतुर्थी तिथि पड़ती है. कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से तो शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जानते हैं. चतुर्थी तिथि पर गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि जो लोग विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रख कर विघ्न हरण कर्ता भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उनके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है और उसकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाता है. इतना ही नहीं इस दिन गणनायक की पूजा करने से सुख-समृद्धि के साथ सुबुद्दि की प्राप्ति होती है. इस आषाढ़ माह का शुक्ल पक्ष शुरू हो गया है. इस महीने विनायक चतुर्थी 3 जुलाई को है. आइए जानते हैं किस विधि से करें गणेश जी की पूजा और कब है शुभ मुहूर्त.
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त 2022
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 02 जुलाई दिन शनिवार को दोपहर 03 बजकर 16 मिनट से हो रहा है. चतुर्थी तिथि का समापन 03 जुलाई रविवार को शाम 05 बजकर 06 मिनट पर होगा. इस दौरान गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त 03 जुलाई को सुबह 08 बजकर 54 मिनट से लेकर रात्रि 10 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. इस बीच आप दोपहर छोड़ कभी भी गणपति जी की पूजा कर सकते हैं.
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के दिन प्रातः काल नित्य क्रिया क्रम से निविर्त हो सन्ना करनें के बाद घर के पूजा स्थल या मंदिर में गणेश जी की पूजा करें और साफ सूथरा वस्त्र पहनकर घर के पूजा स्थल पर बैठ जाएं. पहले दैनिक पूजा कर लें. इसके पश्चात विनायक चतुर्थी पूजा के शुभ मुहूर्त के अनुसार आसन पर बैठ जाएं और भगवान गणेश को लाल फूल, अक्षत्, चंदन, धूप, दीप, इत्र, जनेऊ आदि अर्पित करें. इसके बाद गणेशी जी की प्रतिमा पर दुर्वा और फल मेवा चढ़ाएं.
विनायक चतुर्थी के दिन समय गणेश जी को लाल रंग के सिंदूर का तिलक लगाएं. सिंदूर चढ़ाते समय मंत्र "सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ " का जाप करें. साथ में भगवान गणेश जी को लड्ड़ू का भोग लगाएं. इसके बाद विनायक चतुर्थी का पाठ करें और संकटनाशक गणेश स्त्रोत का पाठ करें. पूजा संपन्न होने के बाद भोग लगाए प्रसाद को ब्राम्हण या गरीबों में बांट दें. ऐसा करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है और आपके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है.
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(discaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और लोक आस्था पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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