Somvati Amavasya 2023: फाल्गुन अमावस्या पर बन रहा विशेष योग, इस उपाय को करने से भर जाएगी तिजोरी
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Somvati Amavasya 2023: फाल्गुन अमावस्या पर बन रहा विशेष योग, इस उपाय को करने से भर जाएगी तिजोरी

Somvati Amavasya 2023: इस साल फाल्गुन माह की अमावस्या सोमवार के दिन पड़ रही है. सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. आइए जानते हैं कब है सोमवती अमावस्या और क्या है पूजा उपाय?

Somvati Amavasya 2023: फाल्गुन अमावस्या पर बन रहा विशेष योग, इस उपाय को करने से भर जाएगी तिजोरी

Falgun Amavasya 2023 Date: हिंदू धर्म में हर माह पड़ने वाली अमवास्या (amavasya) तिथि का विशेष महत्व है. वहीं जो अमावस्या शनिवार या सोमवार के दिन पड़ती है, उसका महत्व दोगुना बढ़ जाता है. फाल्गुन माह की अमावस्या सोमवार को पड़ रही है. सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या (somvati amavasya) के नाम से जाना जाता है. इस दिन संगम या किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद क्षमता अनुसार दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. वहीं यदि आप पितृदोष से पीड़ित हैं, तो आप सोमवती अमावस्या के दिन कुछ उपाय करके मुक्ति पा सकते हैं.

कब है सोमवती अमावस्या 2023
हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 19 फरवरी की शाम 04 बजकर 18 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 20 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर होगा. अमावस्या तिथि पर प्रातःकाल स्नान-दान किया जाता है. ऐसे में सोमवती अमावस्या 20 फरवरी को मनाया जाएगा.

सोमवती अमावस्या पर विशेष संयोग
सोमवती अमावस्या के दिन कई शुभ योग बन रहे हैं. इस दिन प्रातः काल से सुबह 11 बजकर 03 मिनट तक परिघ योग, सबह 11 बजकर 03 मिनट से पूरे दिन शिव योग का विशेष संयोग बन रहा है. यह दोनों योग भगवान शिव की पूजा, साधना और श्राद्ध कर्म करने के लिए बहुत शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या पर सूर्योदय के समय से सुबह 06 बजकर 56 मिनट से सुबह 08 बजकर 20 मिनट तक अमृत सर्वोत्त मुहूर्त है.

 सोमवती अमावस्या पर करें ये उपाय
सोमवती अमावस्या के दिन प्रातः काल किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें. इसके बाद कच्चा सूत लेकर 108 बार पेड़ में लपेटते हुए परिक्रमा करें. साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का ध्यान करते हुए पंचमेवा अर्पित करें. बाद में इस प्रसाद को कन्याओं में बांट दें. इसके बाद 1 माला गायत्री मंत्र का जाप करें और गरीबों को जरुरत की चीजें दान करें. इस उपाय को करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और हमारे भाग्योदय में वृद्धि होती है, जिससे मां लक्ष्मी की कृपा से धनागमन के स्रोत बढ़ जाते हैं. 

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(disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और विभिन्न जानकारियों पर आधारित है. zee media इसकी पुष्टि नहीं करता है. )

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