Gym में करते हैं वर्कआउट तो भूल कर भी न करें ये गलतियां हो सकता हैं हार्ट अटैक का खतरा
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Gym में करते हैं वर्कआउट तो भूल कर भी न करें ये गलतियां हो सकता हैं हार्ट अटैक का खतरा

Heart attack during exercise:हम सब कहीं न कहीं बॉडी बनाने में गलतियां कर देते हैं हम डमिल, क्रॉस-ट्रेनर या साइकिल पर जाने के बजाये सीधे वेट्स और मशीन सेक्शन पर वर्कआउट करना ज्यादा पसंद करते हैं.

Gym में करते हैं वर्कआउट तो भूल कर भी न करें ये गलतियां हो सकता हैं हार्ट अटैक का खतरा

Heart attack during exercise:हम सब चाहते है की हम फिट दिखे साथ ही स्वस्थ रहें. इसलिए काफी लोगों जिम में घंटो बिताना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं. हम कसरत करने के साथ साथ कहीं न कहीं कुछ गलतियां कर रहे हैं जो आगे चलकर हमारी जान का खतरा भी बन सकता हैं जिसमे वॉर्म-अप के बिना हैवी वेट्स एक्सरसाइज करना लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. युवा पीढ़ी जल्दी बॉडी बनाने में चक्कर में गलतियां कर देती हैं. जिससे जान का खतरा भी बन जाता हैं. कुछ लोग ट्रेडमिल, क्रॉस-ट्रेनर या साइकिल पर इंतजार नहीं करते, वे सीधे वेट्स और मशीन सेक्शन पर ध्यान जाना ज्यादा पसंद करते हैं.

Heart attack during exercise:क्या कहते हैं चिकित्सक 
डॉक्टर्स की माने तो वेट ट्रेनिंग के लाभ में मांसपेशियों की ताकत बढ़ना, हड्डियों की डेंसिटी में वृद्धि, दुबली मसल्स का विकास और मोटापा कम, इंसुलिन सेंसिटिविटी में वृद्धि और सहनशक्ति में वृद्धि होती हैं.इससे हर गतिविधि आसानी से पूरी होती हैं वेट ट्रेनिंग के फायदों के साथ , इसके अत्यधिक प्रयास से भी कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं.अधिक वजन उठाने से आपके जोड़ों और मांसपेशियों को नुकसान हो सकता हैं साथ ही रीढ़ की हड्डी के चोट (जैसे हर्नियेटेड डिस्क) भी आ सकती हैं दिल के मरीजों को  ज्यादा सावधानी रखने की जरुरत है कार्डियोलॉजिस्ट की सलाह के साथ आप वर्कआउट कर सकते हैं.

Heart attack during exercise:इन बातों का रखें विशेष ध्यान. 

1.वेट ट्रेनिंग एक्सरसाइज जयदा न करें साथ ही धीमी नियंत्रित गति से वेट्स उठाएं.

2.अपनी वर्कआउट रुटीन में  चेस्ट प्रेस, शोल्डर प्रेस, ट्राइसेप्स एक्सटेंशन, बाइसेप्स कर्ल, पुल-डाउन, लोअर-बैक एक्सटेंशन, एब्डॉमिनल क्रंच / कर्ल-अप, लेग प्रेस, कर्ल और काफ रेज.जैसी एक्सरसाइज शामिल करें.

3.चेस्ट प्रेस, शोल्डर प्रेस, ट्राइसेप्स एक्सटेंशन करते समय अपनी सांस को ना रोकें. इसके बजाय, लिफ्ट के संकुचन (परिश्रम) चरण के दौरान श्वास छोड़ें.

4.बारी-बारी से अपर बॉडी और लोअर बॉडी से लिफ्ट करते रहें.

 

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