Singh Sankranti 2023: सिंह संक्रांति पर ऐसे करें भगवान भाष्कर की पूजा! अक्षय फल की होगी प्राप्ति
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1807541

Singh Sankranti 2023: सिंह संक्रांति पर ऐसे करें भगवान भाष्कर की पूजा! अक्षय फल की होगी प्राप्ति

Singh Sankranti 2023: ज्योतिष शास्त्र में सिंह संक्रांति का काफि ज्यादा महत्व है. शास्त्र में मान्यता है कि जिस दिन भगवान सूर्य देव अपने स्वराशि सिंह में गोचर करते हैं उस दिन को सिंह संक्रांति के नाम से जानते हैं. 

Singh Sankranti 2023: सिंह संक्रांति पर ऐसे करें भगवान भाष्कर की पूजा! अक्षय फल की होगी प्राप्ति

Singh Sankranti 2023: ज्योतिष शास्त्र में सिंह संक्रांति का काफि ज्यादा महत्व है. शास्त्र में मान्यता है कि जिस दिन भगवान सूर्य देव अपने स्वराशि सिंह में गोचर करते हैं उस दिन को सिंह संक्रांति के नाम से जानते हैं. इस लिहाज से इस बार 17 अगस्त को भगवान सूर्य अपनी स्वराशि में गोचर करेंगे. इसलिए इस दिन को सिंह संक्रांति के रुप में जाना जाएगा. 

ऐसी मान्यता है कि जो लोग सिंह संक्राति के दिन भगवान सूर्य देव के साथ श्री हरि विष्णु और नरसिंह भगवान की पूजा करते हैं, उनके जीवन में कभी कोई संकट नहीं आता है और वो हमेशा खुशहाल रहते हैं. आइए जानते हैं कि इस दिन भगवान भाष्कर की पूजा कैसे और कब करें.

शुभ मुहूर्त 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 17 अगस्त 2022 को सूर्य देव सिंह राशि में प्रवेश करेंगे. सिंह संक्राति का शुभ 17 अगस्त को सुबह 6:44 बजे से शुरू होगा और दोपहर 1:44 बजे पर समाप्त होगा, जबकि सिंह संक्रांति का महापुण्य काल लगभग 2 घंटे 11 मिनट का होगा और यह सुबह एक 11:33 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:44 बजे तक रहेगा.

 

 

ऐसे करें पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य आत्माकारक ग्रह है. सूर्य का प्रभाव पड़ने की वजह से व्यक्ति के पुराने से पुराने रोग ठीक हो जाते हैं. सूर्य देव की स्वराशि सिंह है. इसलिए सिंह संक्राति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करके सूर्य देव को अर्घ देना चाहिए. 

ये भी पढ़ें: Sawan Ke Upay: सावन के पांचवे सोमवार पर अपनाएं ये उपाय, चमकने लगेगा भाग्य 

सिंह संक्राति के दिन स्नान-ध्यान, पूजा-पाठ और दान-पुण्य के साथ घी खाने का बहुत महत्व है. ऐसी मान्यता है कि सिंह संक्राति के दिन गाय का घी खाने से हमारे शरीर के सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते और शरीर पवित्र होता है. इतना ही नहीं जो लोग सूर्य संक्राति के दिन से लेकर अगले एक महीने तक नियमित सूर्य देव को जल अर्पित कर विधि विधान से पूजा करते हैं, उनके यादाश्त, बुद्धि, बल, ऊर्जा और ओज में वृद्धि होती है.

Trending news