Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्राइम लोकेशन पर नेशनल हेराल्ड के नाम से जो जमीन कोड़ियों के दाम मिली थी, उसे करोड़ों रुपये के मुनाफे के साथ बेच दिया गया. 2012 में ये केस कोर्ट में गया लेकिन तबसे इसमें कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है. अब एक फिर से एक बार राज्य सरकार इस मामले को दोबारा खोलने जा रही है.
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आकाश द्विवेदी/भोपाल: नेशनल हेराल्ड केस से दिल्ली में गर्म माहौल है लेकिन इसकी आंच अब भोपाल में भी महसूस की जा रही है. नेशनल हेराल्ड के नाम से भोपाल की प्राइम लोकेशन प्रेस कॉम्प्लेक्स में जो जमीन आवंटित थी, उसके गलत इस्तेमाल की अब दोबारा से जांच करने की बात कही जा रही है. शिवराज सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस बात का सख्त संदेश दिया है.
1981 में आवंटित की गई थी करोड़ों की ये जमीन
1981 में कांग्रेस की सरकार के दौरान करोड़ों की जमीन आवंटित की गई थी. प्रेस कॉन्प्लेक्स के लिए ये जमीन आवंटित की गई थी. नेशनल हेराल्ड के लिए आवंटित की गई जमीन का कमर्शियल यूज हो रहा है. अब उस जगह पर बड़े मॉल और शॉपिंग स्पेस बन गए हैं.
राज्य सरकार कराएगी दोबारा जांच
इसी को ध्यान में रखते हुए लैंड यूज पर्पज बदलने पर सरकार एक्शन ले रही है और दोबारा जांच के आदेश दिए जा रहे हैं. राज्य सरकार अब दोबारा जांच कराएगी. साल 2012 में जांच के आदेश दिए थे लेकिन कई लोग कोर्ट पहुंच गए थे.
जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे
नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह बोले इस बार कड़ी कार्रवाई होगी. जरूरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे. सभी कमर्शियल स्पेस बंद होंगे और FIR भी होगी. इस मामले में जिस नेता, जिस अधिकारी का नाम होगा, उस पर भी कार्रवाई होगी.
नेशनल हेराल्ड की कहानी
बता दें कि जिस जगह अभी शॉपिंग मॉल है, वहां पहले प्रिंटिंग प्रेस बनाकर नवजीवन समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया गया लेकिन 1992 में वह बंद हो गया था. 2011 जब लीज खत्म होने पर बीडीए यहां अपना मालिकाना हक लेने पहुंचा तो पाया गया कि यहां प्लॉट पर बड़ा व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स बन गया है जहां कई शोरूम खुल गए हैं. बीडीए ने जब कब्जा लेने की कोशिश की तो दुकानों के खरीददार कोर्ट में चले गए. 2012 में इस प्लॉट की लीज तो रद्द कर दी लेकिन तब से मामला कोर्ट में है. अब उसी केस को दोबारा से खोला जा रहा है.
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