PM मोदी के दौरे की हो रही खास तैयारियां, उज्जैन सांसद ने पत्नी संग पूरी की यह परंपरा
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PM मोदी के दौरे की हो रही खास तैयारियां, उज्जैन सांसद ने पत्नी संग पूरी की यह परंपरा

11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन के दौरे पर पहुंच रहे हैं. जहां पीएम ''श्री महाकाल लोक'' का लोकार्पण करेंगे. पीएम मोदी के आयोजन को लेकर बीजेपी ने खास तैयारियां शुरू कर दी हैं. आज उज्जैन से बीजेपी सांसद अनिल फिरोजिया ने पत्नी के साथ एक खास परंपरा को पूरा किया.  

PM मोदी के दौरे की हो रही खास तैयारियां, उज्जैन सांसद ने पत्नी संग पूरी की यह परंपरा

राहुल सिंह राठौड़/उज्जैन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं. पीएम मोदी उज्जैन में "श्री महाकाल लोक" का लोकार्पण करेंगे. उज्जैन में पीएम के दौरे की खास तैयारियां शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर हर एक काम की जानकारी ले रहे हैं. वहीं उज्जैन जिले के बीजेपी नेताओं ने भी अब पीएम के आगमन को लेकर शहर में आयोजन शुरू कर दिए हैं. आज उज्जैन से बीजेपी सांसद अनिल फिरोजिया ने अपनी पत्नी के संग पीएम मोदी के दौरे को लेकर एक विशेष परंपरा पूरी की. 

प्रथम पूज्य गणेशजी को दिया निमंत्रण
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उज्जैन आगमन पर बीजेपी घर-घर लोगों को निमंत्रण देगी. जिस तरह शादी के निमंत्रण में घर-घर पीले चावल दिए जाते हैं, ठीक उसी तरह लोगों को घर-घर पीले चावल देकर पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता दिया जाएगा. लेकिन हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी शुभ काम का निमंत्रण सबसे पहले प्रथम पूज्य गणेशजी को दिया जाता है. ऐसे में पीएम मोदी के दौरे का आमंत्रण भी सबसे पहले उज्जैन से बीजेपी सांसद अनिल फिरोजिया ने अपनी पत्नी के साथ भगवान गणेश के मंदिर पहुंचकर दिया. इस प्रक्रिया के बाद अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दशहरा पर्व पर बाबा महाकाल की सवारी के दौरान उज्जैन की जनता को निमंत्रण देंगे. 

चिंतामन गणेश मंदिर में दिया निमंत्रण 
धार्मिक नगरी अवंतिका उज्जैनी में शहर से करीब 7 किलोमीटर दूर भगवान गणेशजी का मंदिर है. ऐसा कहा जाता है कि यहां भगवान गणेश तीन स्वरूपों में विराजे हुए हैं. गणेशजी यहां भगवान राम के वनवास के समय से चिंतामण, इच्छामन व सिद्धिविनायक रूप में साक्षात विराजमान है और आज उस जगह को चिन्तामण गणेश मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर के पुजारी बताते है सनातन धर्म को मानने वाले कोई भी शुभ कार्य की शुरुवात करते है तो सबसे पहले निमंत्रण देने भगवान गणेश के धाम में देने पहुंचते है, जिसके बाद ही घर, परिवार, मित्र व परिचितों को निमंत्रण देते हैं उसी परंपरा को निभाते हुए "श्री महाकाल लोक" के लोकार्पण के लिए 11 अक्टूबर को उज्जैन आ रहे पीएम मोदी के दौरे का निमंत्रण भी सबसे पहले गणेश भगवान को दिया गया है. 

पीएम के कार्यक्रम को सफल बनाने की प्रार्थना 
सांसद अनिल फिरोजिया पत्नी के साथ चिंतामन गणेश मंदिर पहुंचे और पूजा आरती कर भगवान गणेश को महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया. इसके बाद वह घर-घर जाकर लोगों को पीले चावल देकर पीएम मोदी के आयोजन में आने के लिए आमंत्रित करेंगे. सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि सनातन धर्म में आदि अनादि काल से पीले चांवल बांट कर जन-जन को निमंत्रण देने की परंपरा चली आ रही है और धर्मिक नगरी उज्जैनी में तो भगवान गणेश स्वयंभू तीन स्वरूपों में विराजमान ह,  ऐसे में भगवान गणेश की आरती पूजन मेने परिवार के साथ की और जन जन को पीले चावल देकर कार्यक्रम के लिए निमंत्रण दिया है. यह सीएम शिवराज की भी मंशा थी, जिसे पूरा किया गया है. भगवान गणेश से कामना की आप सपरिवार पधारे और निर्विघ्न हमारे बाबा महाकाल लोक के कार्यक्रम को सफल बनायें. 

राजा विक्रमादित्य के शासन काल में हुआ था मंदिर का निर्माण 
दरअसल, मुंबई के अष्ठ विनायक और उज्जैन के षड विनायकों में से एक चिंतामण गणेश मंदिर का निर्माण राजा विकरामादित्य के शासन काल में हुआ था. जहां पाती के लगन लिखाने और विवाह करने की अनूठी परंपरा है, कहते है जिनके लगन नहीं निकल रहे वो चिंतामण गणेश मंदिर आकर बिना मूहर्त के विवाह कर सकते हैं, जहां किसी मूहर्त की जरूरत नहीं होती है. इसके अलावा जिनके विवाह में बाधा आती है वे यहां गणेश को मनाने आते है और निर्विघ्न विवाह के लिए भगवान गणेश को मना कर घर ले जाते है. जब विवाह तय हो जाता है तो यही आकर फेरे लेते है, हर मंगल कार्य से पहले देश विदेश से श्रद्धालू प्रथम पूज्य गणेश को कार्ड देकर न्योता देते है. 

वनवास के दौरान पहला पूजन श्री राम ने किया था 
कहते है भगवान राम ने वनवास के दौरान यहां भगवान गणेश का आव्हान किया और स्वम्भू गणेश तीन रूप में विराजमान हुए, मान्यता ये भी है की जब घना जंगल हुआ करता था तब वनवास के दौरान माता सीता को प्यास लगी आस पास कोई नदी तालाब नहीं होने से लक्ष्मणजी ने पूर्व दिशा में बाण जमीन में मारा और पानी निकाला व माता सीता की प्यास बुझाई जो आज एक बॉवड़ी के रूप में आज भी मौजूद है. वहिं प्रभु राम, माता सीता और लक्ष्मणजी ने भगवान गणेश से सिद्धि, चिंता मुक्ति व इच्छा की कामना की तो भगवान तीनों रूपों में प्रकट हुए जिसके बाद से आज तक तीर्थ के रूप में मंदिर हजारों भक्त पहुंचते हैं, श्रद्धालू आज भी मंदिर की बावड़ी के जल से भगवान को अभिषेक करते है और मिट्टी घर ले जाते है. पीएम मोदी के दौरे को लेकर भी उज्जैन में सभी धार्मिक मान्यताएं पूरी की जा रही है.

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