Netaji ka Chatbox: मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर शाजापुर जिले के कलेक्टर किशोर कन्याल को हटा दिया गया है. उनकी जगह ऋजु बाफना को शाजापुर जिले का नया कलेक्टर बनाया गया है. बता दें कि कलेक्टर ने बैठक के दौरान एक ड्राइवर से कहा था कि तुम्हारी औकात क्या है? जिसका वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. मामला सामने आने के बाद सीएम ने एक्शन लेते हुए कलेक्टर पर कार्रवाई की है. इस पर जनता का रिएक्शन भी सामने आ रहा है.
सीएम ने कलेक्टर पर कार्रवाई करते हुए कहा कि शाजापुर में ट्रक ड्राइवर्स से जुड़ी घटना में कलेक्टर को पद से हटाया गया है. यह सरकार गरीबों की सरकार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम गरीब कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं. अधिकारियों को अपनी भाषा और व्यवहार का ध्यान रखना चाहिए.
एक यूजर ने सीएम मोहन यादव की कार्रवाई को लेकर कहा कि माननीय जी, 'तहसीलदार - sdm -कलेक्टर -पुलिस अधिकारी' सब का तो नहीं कह सकते पर अधिकतर लोगों का व्यवहार आम आदमी के लिए ऐसा रहता है जैसे ये लोग कोई राजा हैं. इनसे बराबर होकर बात कर लो तो इनका ईगो हर्ट हो जाता है.
वहीं दूसरे यूजर ने लिखा कि सर, उस अधिकारी को एक महीने के लिए ट्रक ड्राइवर के साथ शिलांग से लद्दाख तक खलासी तैनात कर दीजिए, समझ आ जायेगी औकात क्या है.
एक यूजर ने लिखा ड्राइवर्स ऑनर्स वहा मीटिंग करने बुलाए गए पर ये साहब उनकी सुन ही नहीं रहे. देखिएगा वीडियो में कैसे डरा रहे थे, कैसी भाषा थी. वहां ड्राइवर और एसोसिएशन इनके सामने कोई बात ही नहीं रख पाते जैसी इनकी बोली थी. इनको समझना चाहिए की ये पुरानी सरकार नहीं है.
एक यूजर ने लिखा कि बहुत बहुत आभार आपका महोदय. सरकारी पद में रहते हुए अमर्यादित और असभ्य भाषा इस देश की आम जनता के लिए उपयोग करना अपराध घोषित हो. यह एक ज्वलंत समस्या है. सरकारी नौकरी अपने ऐशोआराम के लिए मान रहे ऐसे अफसर.
वहीं एक यूजर ने कलेक्टर का पक्ष लेते हुए कहा कि लेकिन कलेक्टर साहब वहा गलत नहीं थे. गरीबों की सरकार हैं, अच्छी बात है. लेकिन अनुशासन भी जरूरी हैं क्योंकि वो गरीब आदमी अनुसाशनहीन था.
एक यूजर ने लिखा कि मुख्यमंत्री जी ने कलेक्टर को हटाकर साबित कर दिया कि अफसर शाही नहीं चलेगी. जनता सबसे ज्यादा परेशान है. अधिकारियों से mp में बिना रिश्वत के लोगों के कार्य नहीं होते सभी विभागों में दलाल सक्रिय हैं.
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