मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता और देश के कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का आज जन्मदिन है. आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का राजनीतिक करियर काफी लंबा रहा है. उन्होंने छात्र संघ अध्यक्ष के तौर पर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और बाद में पार्षद का चुनाव जीता. फिर वे विधायक बने और लोकसभा सांसद बनने के बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी मिली. कृषि मंत्री बनने से पहले उनके पास ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय जैसे कई विभाग भी थे.अपने लंबे राजनीतिक करियर में नरेंद्र सिंह तोमर राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और अब मोदी सरकार आने के बाद वो केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं.
मुरैना-श्योपुर सांसद और भाजपा के मुख्य रणनीतिकार मुरैना जिले के पोरसा तहसील के रहने वाले हैं. उनका पुश्तैनी घर आज भी मुरैना जिले के अरेठी गांव में स्थित है. उनका जन्म 12 जून 1957 को आर्यनगर, मुरार, ग्वालियर में हुआ था. उनके माता-पिता का नाम शारदा देवी और मुंशी सिंह तोमर है.
उन्होंने 1979-80 में मुरार कॉलेज में छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. फिर वे 1980 में ग्वालियर में खेल संस्थान के अध्यक्ष बने. इसके बाद वे 1983 से 1987 तक ग्वालियर नगर निगम के पार्षद रहे. वहीं वो 1991 से 1996 तक भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष थे.
वे 1998 में पहली बार ग्वालियर क्षेत्र संख्या-15 से मध्य प्रदेश विधान सभा के लिए चुने गए. इसके बाद 2003 में वो दूसरी बार विधायक बने. बता दें कि 2003 में ही उन्हें मध्य प्रदेश कैबिनेट का हिस्सा बनाया गया और वो 2006 तक लगातार प्रदेश कैबिनेट का हिस्सा रहे.
2006 में बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पद के चुनाव हुए. प्रत्याशी के रूप में नामांकन भरने से ठीक पहले उन्होंने कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया. चुनाव में उन्हें ही निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुना गया. तोमर 'एक व्यक्ति-एक पद' के सिद्धांत को साकार करते नजर आए.
5 जनवरी 2009 को पहली बार वो मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने. अप्रैल 2009 में मुरैना-श्योपुर सीट पर उन्होंने एक लाख से ज्यादा वोटों से लोकसभा चुनाव जीता. मार्च 2010 में उन्हें बीजेपी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया. उनके नेतृत्व में 2013 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 165 सीटों पर जीत हासिल की. 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की. केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें दोनों बार कैबिनेट में जगह दी.
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