MP News: मध्य प्रदेश में मृत गौवंश की खाल और हड्डियों के विक्रय (Dead Cattle Skin Bones Sale Ban) को लेकर बड़ा फैसला हुआ है. राज्यपाल मंगुभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel) के निर्देश के बाद पशुपालन विभाग और गौ संवर्धन बोर्ड (Cow Promotion Board) ने अहम फैसला लिया है. इस संबंध में सभी जिलों का आदेश जारी किया गया है.
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Dead Cattle Skin Bones Sale Ban: भोपाल। गाय को लेकर हो रही सियासत (Cow Politics) और मध्य प्रदेश में सामने आई गौशालाओं की लापरवाही के बीच पशुपालन विभाग और गो संबर्धन बोर्ड (Cow Promotion Board) ने बड़ा फैसला लिया है. विभाग की ओर से सभी जिलों को आदेश जारी कर मृत गौवंश की खाल और हड्डियों के विक्रय पर रोक लगाने के लिए कहा गया है. ये फैसला राज्यपाल (Governor Mangubhai Patel) से संत समाज की मांग पर बाद राजभवन की ओर से आए निर्देशों के बाद लिया गया है.
संत समाज की मांग पर निर्णय
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की अखिल भारतीय सर्वदलीय गोरक्षा महाभियान समिति ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को इस संबंध में एक ज्ञापन दिया था. इसमें मृत गायों का चमड़ा उतरवाने और हड्डियों को बेचने पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इस मामले पर राज्यपाल ने गो संवर्धन बोर्ड को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने इस दिशा में कदम उठाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद गौवंश की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए समाधि बनाने के आदेश दिए गए हैं.
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क्या है पशुपालन विभाग के आदेश में?
20 जनवरी को ही इस संबध में गोसंवर्धन बोर्ड ने सभी कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ को आदेश दिया था. इसमें मृत पशुओं से समाधि के संबंध में निर्देशित किया गया था. आदेश में कहा गया था कि मृत पशुओं की समाधि के लिए नरेगा योजना से समाधि कम्पोस्ट पिट का निर्माण कराया जा सकता है. इसके लिए समाधि कम्पोस्ट की ड्राइंग भेजी जा रही है. इस आदेश में 7 आयामों के बारे में चर्चा की गई है, जिससे गोशाला का व्यवस्थित संचालन संभव हो.
इस कारण की गई थी मांग
बता दें प्रदेश में पिछले कुछ समय में गायों की मौत, तस्करी के कई मामले साममे आए हैं. इनमें गौशालाओं का भारी लापरवाही भी सामने आई है. राजधानी भोपाल में जीवदया गोशाला में गायों की मौत का मामला भी बहुत उछला था, जिसमें मृत गौवंश की खाल और हड्डियों को बेचने का मामला सुर्खियों में था. इसके बाद ही संत समाज ने राज्यपाल ले इसपर रोक लगाने की मांग की थी.
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क्या हैं आदेश के 7 बिंदू
- गायों का संरक्षण, संवर्धन
- नस्ल सुधार के लिए स्वदेशी गौवंश का अनुरोध
- गौवंश को हरी घास, खली चुनी की उपलब्धता
- समुचित उपचार की व्यवस्था, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण
- गोबर गैस, गोमूत्र से आमदनी बढ़ाने के निर्देश
- बीमार गाय की मौत के बाद पोस्टमार्टम और भूमि समाधि