निमाड़ की पर्यटन नगरी में इस बार किसका चलेगा सिक्का, 2018 में ऐसा रहा था अहिल्याबाई की नगरी का नतीजा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1887615

निमाड़ की पर्यटन नगरी में इस बार किसका चलेगा सिक्का, 2018 में ऐसा रहा था अहिल्याबाई की नगरी का नतीजा

Maheshwar Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले की महेश्वर विधानसभा सीट (Maheshwar Seat Analysis) पर वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है. इस बार यहां का क्या समीकरण होगा और इस सीट का क्या इतिहास है यहां जानें. 

निमाड़ की पर्यटन नगरी में इस बार किसका चलेगा सिक्का, 2018 में ऐसा रहा था अहिल्याबाई की नगरी का नतीजा

Maheshwar Vidhan Sabha Seat: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का ऐलान कभी भी हो सकता है. ऐसे में राजनीतिक दल एक-एक विधानसभा सीट पर तैयारियों में जुटे हैं. वहीं खरगोन जिले में विधानसभा की 6 सीट आती है. जिसमें महेश्वर विधानसभा सीट पर इस बार कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है. देवी अहिल्याबाई होल्कर शासनकाल में राजधानी रहा महेश्वर सीट एससी वर्ग के लिए सुरक्षित है. यहां से कांग्रेस की डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ विधायक है.  

बता दें कि महेश्वर निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस के साधौ परिवार का कब्जा रहा है. विधायक डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ अपने पिता की विरासत को अब संभाल रही है. 

महेश्वर सीट का जातीय समीकरण
महेश्वर विधानसभा सीट पर जातीय समीकरण की बात की जाए तो यहां दो लाख से ज्यादा मतदाता है. अनुसूचित जाति के वोटर्स की संख्या यहां सबसे अधिक है. पाटीदार, वैश्य और ब्राह्मण समाज के मतदाताओं की बड़ी संख्या है.

- कुल मतदाता -209966
- पुरुष मतदाता -106534
- महिला मतदाता -103430

महेश्वर सीट का राजनीतिक इतिहास
पश्चिमी मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल में महेश्वर विधानसभा सीट पर 2023 विधानसभा चुनाव में इस बार कौन जीतेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा. लेकिन इस सीट का इतिहास यहीं रहा है कि महेश्वर विधानसभा क्षेत्र में जनसंघ और जनता पार्टी एक-एक बार एवं बीजेपी के उम्मीदवार दो बार सफल हुए हैं. 1952, 1957, 1967, 1972, 1980, 1985, 1993, 1998 एवं 2008 में यहां कांग्रेस विजय हुई. इस सीट पर साधौ परिवार का वर्चस्व रहा है.

बता दें कि यहां से दिवंगत सीताराम साधौ 5 बार विधायक चुने गए. इसके बाद उनकी बेटी डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ भी 5 बार विधायक चुनी गईं है.

Burhanpur Vidhan Sabha Seat: इस सीट पर निर्दलीय बिगाड़ते हैं चुनाव नतीजे, क्या इस बार कांग्रेस-BJP को मिलेगा मौका? जानिए समीकरण

साल 2018 में कैसा रहा परिणाम
साल 2018 के नतीजों की बात की जाए तो यहां से विजयलक्ष्मी साधौ 35 हजार वोट से जीती थीं. उन्हें 83,087 वोट मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर राजकुमार मेव रहे, जिन्हें 47, 251 वोट मिले, और तीसरे नंबर पर बीजेपी के भूपेंद्र आर्य जिन्हें 32 हजार 601 वोट मिले थे.

भाजपा ने महेश्वर से राजकुमार मेव पर 2023 विधानसभा चुनाव में एक बार फिर भरोसा जताया है. राजकुमार मेव ने साल 2013 के चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन 2018 में उन्हें टिकट नहीं दिया गया. इसके बाद उन्होंने पार्टी से बागी होकर निर्दलीय ही चुनाव लड़ लिया. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी को तीसरे नंबर पर धकेल दिया.  इसके बाद बीजेपी ने उन्होंने निष्काषित कर दिया. हालांकि 2020 में वो फिर बीजेपी में शामिल हुए, और अब बीजेपी ने उन्हें टिकट दे दिया है. 

Trending news