महादेव ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले 4 गिरफ्तार, सटोरियों ने बोला- व्हाट्सएप पर मिला था ऑफर
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महादेव ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले 4 गिरफ्तार, सटोरियों ने बोला- व्हाट्सएप पर मिला था ऑफर

महादेव आईडी एप से सट्टा खिलाने वालों पर दुर्ग पुलिस लगातार नजर रख रही है. दुर्ग पुलिस की अलग-अलग टीमें इनपुट के आधार पर दूसरे राज्यों में भी भेजी जा रही हैं.

महादेव ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले 4 गिरफ्तार, सटोरियों ने बोला- व्हाट्सएप पर मिला था ऑफर

हितेश शर्मा/दुर्ग: महादेव आईडी एप से सट्टा खिलाने वालों पर दुर्ग पुलिस लगातार नजर रख रही है. दुर्ग पुलिस की अलग-अलग टीमें इनपुट के आधार पर दूसरे राज्यों में भी भेजी जा रही हैं. इसी कड़ी में स्मृति नगर चौकी की एंटी साइबर व क्राइम यूनिट को खबर मिली कि बिलासपुर के मोपका से भिलाई के युवा ऑनलाइन सट्‌टा का कारोबार चला रहे हैं.

दरअसल दुर्ग एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बताया कि मोपका में ऑनलाइन सट्टा खिला रहे सटोरियों को पकड़ा गया है. उक्त ब्रांच में अंबानी बुक 168 का संचालन किया जा रहा था. जिसमें स्काई वन, मारुति, जूपिटर 91 एक्सचेंज, अंबानी 247, अंबानी 365 के पैनलों का संचालन हो रहा था.

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पुलिस ने जब्त किया सामान
पुलिस ने यहां से 4 लैपटॉप, 7 मोबाइल, 6 पासबुक, 7 चेक बुक, 4 एटीएम, एक रजिस्टर जब्त किया गया है. इन सभी सामान का ऑनलाइन सट्टा के कारोबार में उपयोग हो रहा था. मौके पर पकड़े गए आरोपियों में मॉडल टाउन निवासी ऋषभ ठाकुर, टाटा लाइन कैंप टू निवासी हिमांशु कौशल, खुर्सीपार सुभाष चौक निवासी मोहम्मद निसार, बुमाईगांव असम निवासी मंजिल मेधी को गिरफ्तार किया गया. वहीं इस मामले में विकी और अरबाज नाम के आरोपी फरार हो गए हैं. 

फेसबुक से हुई पहचान
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उनकी ब्रांच चलाने वाले से फेसबुक के जरिए पहचान हुई थी. इसके बाद वाट्सएप के माध्यम से जॉब ऑफर किया गया वे बिलासपुर आकर काम करने लगे थे.

6 महीनों से हो रही कार्रवाई
आपको बता दें कि पिछले 6 महीनों से लगातार दुर्ग पुलिस महादेव ऑनलाइन सट्टा के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है तो वहीं अब इस मामले को ईडी हैंडल करेगी. ईडी ने छत्तीसगढ़ के दुर्ग पुलिस से महादेव ऑनलाइन एप की सारी जानकारियां मांगी है. वहीं ईडी अब इसके सरगना तक पहुंचने के लिए विदेश मंत्रायल को पत्र लिखने की तैयारी में जुटी हुई हैं ताकि उन सभी के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करवाया जा सकें.  आपको बता दें कि पिछले 6 महीने के अंदर जितने भी रिकॉर्ड सामने आए हैं. उनमें करोड़ों रुपए के लेन-देन की बात सामने आ रही है. जो की मनी लॉन्ड्रिंग का एक बड़ा हिस्सा है. महादेव ऑनलाइन ऐप सट्टा का संचालक सौरव चंद्राकर दुर्ग का ही रहने वाला है. जो कि दुबई में बैठकर पूरे काम को मॉनिटर करता है. 

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