Election 2023: मध्य प्रदेश की सियासत (MP Politics) के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण केंद्र ग्वालियर-चंबल अंचल को साधने के लिए कांग्रेस की तरफ से खुद कमलनाथ कमान संभाले हुए हैं. सिंधिया (jyotiraditya scindia) के कांग्रेस से जाने के बाद ये बड़ी चुनौती है. हालांकि सिंधिया परिवार का गढ़ होने के बाद भी बीजेपी को 2020 में हुए उपचुनाव और हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनाव में निराशा मिली. ग्वालियर में भी बीजेपी के हाथ से 57 साल बाद महापौर की सीट निकल गई.
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MP Political news: एमपी के पूर्व सीएम और एमपी कांग्रेस (MP Congress) कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ (kamalnath)आने वाले विधानसभा (MP Assembly Elcetion 2023) की तैयारियों को लेकर अपनी ताकत झोंक रहे हैं. उनका सबसे ज्यादा ध्यान ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव वाले क्षेत्र में है. ग्वालियर और चंबल में सिंधिया घराने का गढ़ रहा है. इस बार कमलनाथ का सबसे ज्यादा ध्यान इन्हीं क्षेत्रों पर है. इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ बढ़ाने के लिए कमलनाथ ने आज से शिवपुरी जिले (shivpuri)का दौरा शुरू कर रहे हैं.
शिवपुरी में कमलनाथ की जनसभा
पूर्व सीएम कमलनाथ की जनसभा आज शिवपुरी जिले के पोहरी तहसील में 11 बजे से शुरू होगी. इसके तहत वो कार्यकर्ताओं से विधानसभा की तैयारियों का जानेंगे और कांग्रेस के पक्ष को मजबूत करने की कोशिश करेंगे. क्योंकि इन क्षेत्रों में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का माहौल रहता है. जो इस बार भाजपा पार्टी में हैं.
ग्वालियर और चंबल पर जीतना बेहद अहम
ग्वालियर चंबल ऐसा क्षेत्र जहां हमेशा से सिंधिया घराने का गढ़ रहा है. यहां की सीटों पर कोई भी प्रत्याशी हो लेकिन जीतेगा वही जिसके नाम के पीछे सिंधिया का समर्थन होगा. सिंधिया घराने की राजनीतिक मैदान में उतरकर चुनाव लड़ने की शुरुआत भी इन्ही क्षेत्रों से ही हुई है. राजमाता विजियाराजे सिंधिया, माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने जीवन का पहला चुनाव यहीं से लड़ा और जीत हासिल की. अगर हम 2018 विधानसभा की बात करें तो यहां पर सिंधिया की पत्नी भी कांग्रेस पार्टी से एक्टिव थी, लेकिन इस बार परिस्थितियां बदल गई हैं. ऐसे में इन सीटों को अपने पाले में करने के लिए कमलनाथ एक्टिव हो गए हैं . इस चुनाव में यहां की लड़ाई इस बार काफी दिलचस्प होने वाली है. ग्वालियर संसदीय क्षेत्र की बात करें तो यहां पर भाजपा से विवेक नारायण शेजवलकर सांसद हैं. ऐसे में कमलनाथ के लिए यहां पर जीत का ठोस प्लान बनाना बेहद जरूरी है.