नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर दिए गए बयान पर तंज कसा है. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि किसी युवा को ही नेतृत्व करना चाहिए. बता दें कि एक बार फिर कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं चल रही हैं.
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प्रमोद शर्मा/भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस एक तरफ 2023 के विधानसभा चुनाव में जुटी है, लेकिन दूसरी तरफ पार्टी के नेताओं में अंतर्कलह और आपसी विवाद की खबरें भी आती रहती है. लेकिन अब इन मुद्दों पर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सख्त नजर आ रहे हैं. कमलनाथ ने नेताओं को दो टूक कह दिया है कि जिसको जाना है तो जाए, क्योंकि अगर नेताओं के पास पार्टी और संगठन के लिए समय नहीं है तो वह इसकी जानकारी अभी दे दें. बताया जा रहा है कि आज की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है. ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कमलनाथ पार्टी में बड़े बदलाव कर सकते हैं.
हमारी लड़ाई बीजेपी के संगठन से हैं
दरअसल, बताया जा रहा है कि कमलनाथ कांग्रेस नेताओं की अंतर्कलह से चिंतित नजर आ रहे हैं. कमलनाथ ने उन्हें नेताओं के करीब वालों की नहीं जनता के करीब वालों की जरूरत है, क्योंकि हमारा मुकाबला बीजेपी के संगठन से हैं. इसलिए समन्वय बनाए रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि बिखराव से काम नहीं होने वाला है. इसलिए जिसको जहां जाना है चला जाए.''
कांग्रेस में हो सकते हैं बदलाव
कमलनाथ ने कहा कि ''अब सिर्फ संगठन की ओर देखना है हमारा मुकाबला केवल बीजेपी से नहीं है बीजेपी की संगठन से है, संगठन की मजबूती के क्या कदम उठाने हैं, इस पर सबसे ज्यादा फोकस होना चाहिए. वहीं पिछले दिनों विधायक नेताओं की नाराजगी को लेकर कमलनाथ ने कहा कि यह सही नहीं है क्योंकि काम समन्वय से होगा बिखराव से कुछ नहीं होने वाला है. कमलनाथ ने आज की बैठक में आने वाले समय में बड़े बदलाव के संकेत भी दिए हैं. जिन विधायकों के पास जिला अध्यक्ष का प्रभार था, उनसे यह प्रभार वापस ले लिया गया है. बताया जा रहा है कि इन जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी. इसके अलावा निष्क्रिय जिलाध्यक्षों को भी अब बदला जाएगा, उनकी जगह सक्रिए कार्यकर्ताओं को जिला अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी.
बागियों पर भी हो सकती है कार्रवाई
दरअसल, हाल ही में हुए पंचायत और निकाय चुनाव में कमलनाथ को ऐसे नेताओं की जानकारी भी मिली है, जिन्होंने अपना हित साधने के लिए नगर पालिका, नगर परिषद और जनपद अध्यक्ष के लिए बीजेपी को समर्थन दिया है. इसके अलावा जिन नेताओं की बीजेपी नेताओं से करीबी है उन पर भी अब कमलनाथ सख्ती दिखा सकते हैं. कमलनाथ ने जिला अध्यक्षों से ऐसे नेताओं की जानकारी मांगी है. कांग्रेस के संगठन की कमान व्यक्ति विशेष के बजाए विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं के हाथ में देने के लिए कमलनाथ बदलाव कर रहे हैं. क्योंकि 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले कमलनाथ संगठन का काम कांग्रेस की विचारधारा वाले कार्यकर्ताओं को दिया जाए और बूथ से लेकर ब्लॉक, जिला स्तर के संगठन की कमान जिला प्रभारियों और सह प्रभारियों के हाथ में देने की तैयारी में हैं ताकि आगे विवाद की स्थिति न बने.
नेता प्रतिपक्ष ने भी दिखाई सख्ती
कमलनाथ के अलावा नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह भी सख्त नजर आए. उन्होंने कहा कि पार्टी में रहकर के पार्टी के प्रति श्रद्धा न रखने वाले नेता दूसरे दल में चले जाएं. उन्हें जाने की पूरी आजादी है. कमलनाथ ने साफ निर्देश दिए हैं 1 साल बचा है लड़ाई लड़नी है, कांग्रेस की नीतियां जनता तक पहुंचानी है. इसलिए आज की बैठक में स्पष्ट निर्देश हैं कि जो पद लेकर काम नहीं करेंगे वह पद पर नहीं रहेंगे. गोविंद सिंह ने कमलनाथ के नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ने को लेकर कहा कि मैं हमेशा से एक व्यक्ति एक पद. एक परिवार एक चुनाव का समर्थक रहा हूं, मुझे उम्मीद है कि कांग्रेस पहले भी इसी राह पर चली है और आगे भी इसी राह पर चलेगी.
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