Hrithik Roshan Zomato AD Mahakal Thali Controversy:बाबा महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी और अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जोमैटो के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित विज्ञापनों पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि महाकाल के नाम पर इस तरह का कोई भी दुष्प्रचार गलत.
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राहुल राठौर/उज्जैन: अक्सर विवादों से घिरी रहने वाली फूड डिलीवरी कंपनी Zomato एक बार फिर चर्चा का विषय बनी हुई है. दरअसल मशहूर कलाकार ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan Zomato Ad) के जरिए कंपनी का प्रमोशन चल रहा है और उस प्रमोशन में ऋतिक रोशन कह रहे हैं "खाने का मन किया तो उज्जैन में महाकाल से मंगा लिया" जैसे ही यह प्रचार सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी व अखिल भारतीय महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश शर्मा (Mahesh Sharma, National President of All India Federation) ने आपत्ति जताई और कहा कि महाकाल के नाम से कोई भी प्रचार गलत है क्योंकि यह कंपनी नॉन वेज व वेज दोनों बेचती है और महाकाल के नाम से अगर वेज फ़ूड बेचने का कार्य किया जाएगा तो हम इसके खिलाफ कोर्ट भी जाएंगे और कंपनी और रितिक रोशन दोनों को इस चीज को लेकर माफी मांगनी चाहिए. वहीं जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि इस तरह का प्रचार भ्रामक है और मंदिर से कोई थाली डिलीवर्ड नहीं की जाती है.
जताई जा रही है आपत्ति
दरसअल ये पूरा मामला उज्जैन के उन तमाम ढाबा रेस्टोरेंट से जुड़ा है.जिनका नाम महाकाल के नाम पर है. कंपनी एक आर्टिफिशियल बेस्ट ऐप के माध्यम से उन सभी ढाबे और रेस्टोरेंट्स जो महाकाल के नाम से है, वहां से फूड डिलीवरी का प्रचार कर लोगों को आकर्षित करना चाहती है. चूंकि नाम महाकाल से जुड़ा हुआ है. इसलिए महाकाल मंदिर और अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसको लेकर आपत्ति जताई है. रेस्टोरेंट्स संचालको ने इस संबंध में कहा कि यह हमारे द्वारा बनवाया गया कोई एड नहीं है. यह कंपनी द्वारा ही तैयार किया गया, एक प्रचार है जो क्षेत्रीय लोकेशन के हिसाब से लोगों को कोई भी वीडियो देखने से पहले या बीच में नजर आता है. इस प्रकार के वीडियो हर जिले में और हर क्षेत्र में उसकी लोकेशन पर आधारित हैं.
दूसरे समाज के लिए होता तो कंपनी में ताला लग चुका होता
पुजारी का कहना है कि उन्हें कुछ भक्तों ने इस प्रचार के बारे में कहा. फिर उन्होंने खुद भी इस प्रचार को देखा जो कि निंदनीय है और यह प्रचार भ्रामक है. महाकाल मंदिर से किसी भी प्रकार की थाली उज्जैन के बाहर तो दूर की बात है, उज्जैन में भी किसी के घर तक नहीं जाती है. हमारे यहां मंदिर में स्वयं का अन्य क्षेत्र है. जहां पर दुनिया का कोई भी भक्त रसीद कटा कर भोजन कर सकता है. ऐसे विज्ञापन जारी करने से पूर्व कंपनी को सोचना चाहिए क्योंकि कंपनी दोनों प्रकार के भोजन उपलब्ध करवाती होगी. शाकाहारी और मांसाहारी और बाबा महाकाल से जुड़ा नाम सामने लाना गलत है. हिंदू समाज को आगे आकर विरोध करना चाहिए. कंपनी और रितिक रोशन को माफी मांगना चाहिए. वरना हम इस मुद्दे को लेकर कोर्ट तक जाने को तैयार हैं. हिंदू समाज सुनने वाला समाज है, कभी भी उंगली नहीं होती. आज यह किसी दूसरे समाज के लिए होता तो कंपनी में शायद अब तक ताला लग चुका होता.