Google Doodle पर फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायक और फिल्मकार भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि
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Google Doodle पर फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायक और फिल्मकार भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि

आज यानि 8 सितंबर 1926 को फेमस संगीतकार भूपेन हजारिका का जन्‍मदिन है. इस मौके पर गूगल डूडल ने उन्हें खास श्रद्धांजलि दी है. इस दिन पर देखिए भूपेन हजारिका के कुछ चुनिंदा गीतों के बारे में जो उन्हें एक महान गीतकार बनाते हैं.

Google Doodle पर फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गायक और फिल्मकार भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि

निधि सोलंकी/नई दिल्ली: 8 सितंबर 1926 में जन्मे भारतीय संगीतकार भूपेन हजारिका का आज जन्‍मदिन है. इस मौके पर  गूगल ने उनका डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है. भूपेन हजारिका बेहतरीन गीतकार, संगीतकार और गायक थे. भूपेन हजारिका को भारत सरकार द्वारा दादा साहब फाल्के पुरस्कार, पद्म श्री और पद्म भूषण और देश के सर्वोच्‍च सम्‍मान भारत रत्‍न से सम्‍मानित किया जा चुका है. आज उनके जन्‍मदिन के अवसर पर जानते हैं भूपेन हजारिका के कुछ चुनिंदा गीतों के बारे में जो उन्हें एक महान गीतकार बनाते हैं.

दिल हूम हूम करे....
भूपेन हजारिका और लता मंगेशकर की आवाज में गाया गया रुदाली फिल्‍म का गीत दिल 'हूम हूम करे,ये गीत आज भी लोगों की जुबां पर चढ़ा है.रुदाली फिल्म में गुलजार के लिखे हुए इस गीत को भूपेन ने अपनी आवाज में अमर कर दिया.ये गाना लोगों के दिलों में आज भी राज करता है गाने के दोनों हिंदी और असामी वर्जन को खूब पसंद किया गया. गाने का म्यूजिक भूपेन ने ही दिया था. इसके अवाला गाने के फीमेल वर्जन को लता मंगेशकर ने गाया था. 

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दुनिया पराई लोग यहां बेगाने...
 कल्पना लाजमी की फिल्म दर्मियां थर्ड जेंडर का  ये गाना दर्शाता है कि एक ट्रांसजेंडर को जीवन में किन-किन मुश्किल परिस्थितियों से होकर गुजरना पड़ता है और कैसे समाज सदियों से उन्हे नकारता रहा है. यह गाना कल्पना लाजमी की फिल्म दर्मियां थर्ड जेंडर का है 

ओ गंगा तुम बहती हो क्यों...
भारतवर्ष की सबसे पवित्र नदी, गंगा की हो रही दुर्दशा पर भूपेन हजारिका का ये गीत काबिले तारीफ है इस गाने में खुद गंगा मां से पूछा जा रहा है कि मानवता के नष्ट और भ्रष्ट होने के बाद भी क्यों बह रही हो. वे गंगे के निरलज्ज भाव से बहने की बात कहते हैं इस गाने ने लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ  समाज को अच्छा संदेश भी दिया है।.

फूले दाना दाना....
असाम की बिहू पर बना ये गाना वहां की संस्कृति, सभ्यता और रहन-सहन की एक खूबसूरत छवि पेश करता है. गाने का म्यूजिक भूपेन हजारिका ने दिया है साथ ही भूपेन संग इसे भूपेंद्र सिंह और नितिन मुकेश ने अपनी आवाज दी है.इस गाने के लिरिक्स भी काफी शानदार हैं.

संगीत में भूपेन जी ने कई भाषा में गानों को पेश किया है. साथ ही समाज के तमाम गंभीर मुद्दों को फिल्मों और संगीत के जरिए लोगों के सामने रखा है. 5 नवंबर 2011 को भूपेन हजारिका ने आखिरी सांस ली. भूपेन हजारिका के गीतों ने लाखों लोगों को दीवाना बनाया. उन्होंने कई गीतों को जादुई आवाज दी.  भूपेन हजारिका जी आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन अपने गीतों के जरिए वे हमेशा जिंदा रहेंगे.

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