4:1 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर, नोटबंदी पर मोदी सरकार का फैसला सही
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4:1 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर, नोटबंदी पर मोदी सरकार का फैसला सही

Supreme Court On Demonetisation: देश की सबसे बड़ी अदालत ने मोदी सरकार के 2016 में नोटबंदी के फैसले को सही माना है. कोर्ट ने केंद्र सरकार के खिलाफ दायर सभी 58 याचिकाओं को खारिज कर दिया है. 

 

4:1 के बहुमत से सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर, नोटबंदी पर मोदी सरकार का फैसला सही

Demonetisation Supreme Court: नए साल के दूसरे ही दिन देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बड़ा फैसला सुनाया है. जिससे केंद्र की मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है. दरअसल केंद्र सरकार के नोटबंदी (Demonetisation) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है. पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला चार-एक के बहुमत से ये फैसला सुनाया है, बेंच ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी देते हुए कहा कि आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता. अर्थात 500 व 1000 रुपये के नोट बंद करने के की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.

बता दें कि पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर, बीआर गवई, एएस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना शामिल थे. इनमें से जस्टिस बीवी नागरत्ना ने बाकी चार जजों की राय से अपना फैसला अलग लिखा. उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला गैरकानूनी था. इसे कानून के जरिए लिया जाना चाहिए था.

क्या कहा जस्टिस नागरत्ना ने?
नोटबंदी के फैसले के खिलाफ अपनी राय रखने वाले न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, 'संसद को नोटबंदी के मामले में कानून पर चर्चा करनी चाहिए थी, यह प्रक्रिया गजट अधिसूचना के जरिये नहीं होनी चाहिए थी. 500 और 1000 रुपये की सीरीज के नोट कानून बनाकर ही रद्द किए जा सकते थे, अधिसूचना के जरिए नहीं. देश के लिए इतने महत्वपूर्ण मामले में संसद को अलग नहीं रखा जा सकता. इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि नोटबंदी की सिफारिश केंद्र सरकार की तरफ से की गई थी. ये दिखाता है कि RBI की तरफ से इसपर कोई स्वतंत्र दिमाग नहीं लगाया गया'.

58 याचिका खारिज हुई
इस फैसले के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सभी 58 याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस फैसले को पलटा नहीं जा सकता है. नोटबंदी में कोई त्रुटि नहीं है. कोर्ट ने टिप्पणी देते हुए कहा कि रिकॉर्ड की जांच के बाद हमने पाया कि निर्णय लेने की प्रक्रिया केवल इसलिए त्रुटिपूर्ण नहीं हो सकती क्योंकि ये केंद्र सरकार से निकली है.ॉ

8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी 
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे देश के नाम संदेश देकर रात 12 बजे से 500 और 1000  के नोट बंद करने का ऐलान कर दिया था. इससे अगले ही दिन बैंकों के सामने कई महीनों तक लंबी कतारें देखने को मिली थी. सरकार को उम्मीद थी कि इससे काला धन वापिस आ जाएगा. हालांकि सरकार के पास 1 लाख करोड़ रुपये का काला धन ही आया.

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