छिंदवाड़ा से निकाली गई कावड़ यात्रा, 500 किलोमीटर पैदल पहुंचकर महाकाल का करेंगे दर्शन
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छिंदवाड़ा से निकाली गई कावड़ यात्रा, 500 किलोमीटर पैदल पहुंचकर महाकाल का करेंगे दर्शन

छिंदवाड़ा से महाकाल की नगरी के लिए कावड़ यात्रा निकाली गई है. इस कावड़ यात्रा में 50 श्रद्धालुओं का जत्था एक साथ है. कावड़िया 500 किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर बाबा महाकाल का दर्शन, पूजन व जलाभिषेक करेंगे.

 छिंदवाड़ा से निकाली गई कावड़ यात्रा, 500 किलोमीटर पैदल पहुंचकर महाकाल का करेंगे दर्शन

सचिन गुप्ता/छिंदवाड़ाः सावन महीने की शुरुआत होते ही चारों तरफ शिव भक्ति की धूम दिखाई दे रही है. शिव भक्त जगह-जगह से कावड़ यात्रा निकाल रहे हैं और पवित्र नदियों का जल भर कर प्रसिद्ध शिवालयों में जलाभिषेक और दर्शन पूजन कर रहे हैं. इसी क्रम में आज छिंदवाड़ा जिले के परासिया विधानसभा क्षेत्र से शिव भक्तों ने कावड़ यात्रा निकाली है. शिवभक्त 500 किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय करके बाबा महाकाल के दरबार उज्जैन पहुंचेंगे.

धूमधाम से निकाली गई कावड़ यात्रा
सावन महीने में उज्जैन के बाबा महाकाल के दर्शन का बहुत महत्व माना गया है. इन दिनों मंदिरों में पूजा पाठ के साथ ही कावड़ यात्रा निकाली जा रही है. बाबा महाकाल का दर्शन करने के लिए छिंदवाड़ा के परासिया विधानसभा क्षेत्र के न्यूटन नगर से शिव भक्तों की कावड़ यात्रा निकाली गई है. परासिया महाकाल समिति न्यूटन भक्तों द्वारा 500 किलोमीटर दूरी की उज्जैन कावड़ यात्रा बड़ी धूमधाम से निकाली गई है.

हर 30 किलोमीटर पर करेंगे विश्राम
परासिया महाकाल समिति के 50 भक्तों का यह जत्था न्यूटन नगर से पैदल रवाना हुआ है. इस कावड़ यात्रा में कलाकार द्वारा जगह-जगह रुककर भगवान शंकर की आराधना की जाएगी. कावड़ यात्री जगह-जगह हर 30 किलोमीटर पर विश्राम करते हुए देलाखारी, झिरपा, पिपरिया, होशंगाबाद, भोपाल से उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में जाकर अभिषेक करेंगे. बता दें कि समिति लगातार कई वर्षों से सावन महीने में महाकाल की नगरी के लिए कावड़ यात्रा निकालती है.

देश के कौने-कौने से आते हैं कावड़ियां
सावन माह में बाबा महाकाल के दरबार में देश के कौने-कौने से कावरियां बाबा महाकाल के दरबार में जलाभिषेक करने आते हैं. पूरे सावन महीने यहां कावडियों का जत्था लगा रहता है और पूरी महाकाल की नगरी जयकारे से गूंज उठती है. कावड़ियां पवित्र नदी से जल लाकर भगवान शंकर का जलाभिषेक करते हैं. 

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