हमीदिया अस्पताल के मरीज परेशान, नहीं हो रही शुगर, किडनी और लिवर की जांच, मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब
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हमीदिया अस्पताल के मरीज परेशान, नहीं हो रही शुगर, किडनी और लिवर की जांच, मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

राजधानी भोपाल के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में भर्ती और इलाज के लिए रोज आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है.इस मशीन के खराब होने से शुगर, यूरिया, सोडियम समेत आरएफटी और एलएफटी जैसी जांचें नहीं हो पा रही हैं. 

हमीदिया अस्पताल के मरीज परेशान, नहीं हो रही शुगर, किडनी और लिवर की जांच, मानवाधिकार आयोग ने मांगा जवाब

भोपाल: वैसे तो शिवराज सिंह चौहान कहते हुए नजर आते हैं कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं काफी अच्छी है. लेकिन राजधानी भोपाल के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में भर्ती और इलाज के लिए रोज आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है. इसकी वजह बीए-400 मशीन है. जो करीब 55 दिनों से खराब है. इस मशीन के खराब होने से शुगर, यूरिया, सोडियम समेत आरएफटी और एलएफटी जैसी जांचें नहीं हो पा रही हैं. अब इसे लेकर मानवाधिकार  आयोग ने भी आपत्ति जताई है. 

आपको जानकर हैरानी होगी कि हमीदिया अस्पताल प्रबंधन को इस बात की जानकारी का पता है. लेकिन बावजूद इसके 55 दिन बीत जाने के बाद भी न मशीन को सुधारा गया है और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. 

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निजी लैब भेजा जा रहा 
वहीं कई मीडिया रिपोर्ट में इस बात की जानकारी भी सामने आई है कि हमीदिया अस्पताल में आने वाले मरीजों को रोजाना ही मशीन खराब होने चलते काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे मरीजों का न सिर्फ पैसा खर्च हो रहा है बल्कि बाहर से जांच करावाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. 

कंपनी को लिखा गया है पत्र
वहीं हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि मशीन की खराबी क लेकर हमें जानकारी मिली है, इसमें सुधार के लिए कंपनी को पत्र भी लिखा है. अब इसे सुधारने के लिए देरी क्यों हो रही है, जानकारी ली जाएगी. वहीं अब सवाल ये उठ रहा है कि पत्र लिखने के बावजूद भी हालत क्यों नहीं सुधर रहे है?

मानवाधिकार ने मांगा जवाब
मरीजों की परेशानी को लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग अधीक्षक ने हमीदिया अस्पताल भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है. इसके साथ ही आयोग ने पूछा है कि खराब मशीन को ठीक कराने में करीब दो माह का समय होने को है, क्या कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है?  मशीन ठीक कराने में इतना विलम्ब क्यों हो रहा है?

रिपोर्ट - प्रमोद शर्मा

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