History of Bhopal Govindpura Seat: भोपाल की गोविंदपुरा सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है. जहां कांग्रेस को 46 साल तक सफलता नहीं मिली. इसी क्रम में यहां कल कमलनाथ पहुंचे थे, आइए आपको बताते हैं इस सीट के इतिहास के बारे में.
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Bhopal Govindpura Vidhansabha Seat History: मध्यप्रदेश (MP News) में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव (MP Assembly Elections) के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी इस बार पूरा जोर लगा रही है. जिसमें उनकी राज्य में सत्ता में वापसी हो जाए. खासतौर पर कांग्रेस का फोकस उन सीटों पर है जहां पर बीजेपी मजबूत है. इसी काम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Former Chief Minister Digvijay Singh) और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जुटे हुए हैं. बता दें कि इसी कड़ी में कमलनाथ कल पूर्व सीएम बाबूलाल गौर के गढ़ यानी भोपाल (Bhopal News) के गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में गए थे. जहां 46 साल से बीजेपी का कब्जा है. आइए आपको बताते हैं इस सीट के इतिहास के बारे में...
भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर का गढ़ मानी जाती थी. जहां सोमवार को पीसीसी कमलनाथ का कार्यक्रम था. पिछले 46 सालों से यह सीट भारतीय जनता पार्टी का अभेद्य किला मानी जाती है. जहां कांग्रेस को कई बार प्रयास करने के बाद भी यहां सफलता नहीं मिली है.
गोविंदपुरा विधानसभा सीट का इतिहास
भोपाल की गोविंदपुरा विधानसभा सीट के इतिहास की बात करें तो यह सीट 1967 में बनी थी.जिसके बाद 1967 के एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. यहां से चुनाव जीतकर कांग्रेस प्रत्याशी केएल प्रधान एमपी विधानसभा पहुंचे थे. इसके बाद कांग्रेस 1972 के चुनाव में भी इसी सीट से जीत दर्ज की. हालांकि, पार्टी ने के मोहनलाल अस्थाना को टिकट दिया था और वह यहां से जीते थे. फिर साल 1977 में इस सीट पर कांग्रेस की हार हुई थी और उसके बाद से यहां कांग्रेस का कोई भी उम्मीदवार सफलता हासिल नहीं कर पाया है.
1980 में गोविंदपुरा में हुई थी बाबूलाल गौर की एंट्री
1977 के विधानसभा चुनाव में यहां से जनता पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मीनारायण शर्मा विधायक बने थे. 1980 तक, बीजेपी की स्थापना हो गई थी. जिसके बाद इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार बाबूलाल गौर ने गोविंदपुरा विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव जीता था. इसके बाद गोविंदपुरा विधानसभा सीट पर बाबूलाल गौर का कब्जा हो गया. जिसके बाद वे यहां से कभी चुनाव नहीं हारे, वे लगातार यहां से विधायक के रूप में 1980, 1985, 1990, 1993, 1998, 2003, 2008 और 2013 का चुनाव जीते.
वर्तमान में भी गौर परिवार का सदस्य यहां से है विधायक
2018 के विधानसभा चुनाव में भी गौर परिवार की सदस्य ने यहां से जीत दर्ज की थी. फिलहाल गोविंदपुरा विधानसभा सीट से बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर विधायक हैं.बाबूलाल गौर की बहू और बीजेपी प्रत्याशी कृष्णा गौर ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश शर्मा को करीब 46 हजार वोटों से हराया था.