भोपाल के 2 विधायकों में तनातनी, क्यों एक दूसरे पर साध रहे निशाना, गर्मा गई MP की सियासत
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh2546570

भोपाल के 2 विधायकों में तनातनी, क्यों एक दूसरे पर साध रहे निशाना, गर्मा गई MP की सियासत

MP Politics News-भोपाल में कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के सरिया वाले बयान को लेकर राजनीति गर्मा गई है. बीजेपी विधायक और मंत्री विश्वास सारंग ने मसूद के बयान पर पलटवार किया है, सारंग ने मसूद के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. 

भोपाल के 2 विधायकों में तनातनी, क्यों एक दूसरे पर साध रहे निशाना, गर्मा गई MP की सियासत

madhya pradesh news-मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बार फिर राजनीत गर्मा गई है, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पर बीजेपी विधायक और मंत्री विश्वास सारंग ने जमकर हमला बोला है. आरिफ मसूद के शरीयत को बचाने के लिए दिए गए बयान को लेकर विश्वास सारंग ने जमकर लताड़ लगाई है. विश्वास सारंग ने पलटवार करते हुए कहा, 'मसूद चोरी-चकारी करके नेता बने हैं.

 

बता दें कि वीडियो में मसूद कह रहे हैं, 'शरीयत को बचाने के लिए तमाम पार्टियां एकजुट हों'.

 

'शरीयत से नहीं संविधान से चलेगा देश'

आरिफ मसूद के बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, आरिफ मसूद जैसे विघटनकारी लोग ये भूल जाते हैं कि देश शरीयत से नहीं, संविधान से चलेगा. शरीयत में तो यह भी लिखा है कि फोटो लगाना, गाना बजाना हराम है. शरीयत में लिखा है कि जो चोरी करेगा, उसका हाथ काट दो.

 

'मसूद को ठीक कर दिया जाएगा'

सारंग ने कहा कि आरिफ मसूद चोरी-चकारी करके ही तो नेतागिरी कर रहे हैं. मंत्री ने कहा, 'आरिफ मसूद भूल रहे हैं कि अगर वे इस तरह से विद्रोह या विध्वंस की राजनीति करेंगे, तो उन्हें ठीक कर दिया जाएगा. इस तरह की बातें करना, वैमनस्यता वाले बयान देना, यह मध्यप्रदेश में नहीं चलेगा.

 

क्या है बयान की कहानी

आरिफ मसूद 24 नवंबर को बेंगलुरू में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. वहां उन्होंने शरीयत को लेकर बयान दिया था, इसी बयान को बीजेपी प्रदेश प्रभारी आशीष अग्रवाल ने एक्स पर पोस्ट किया था. इसके बाद से बीजेपी के नेताओं ने उनपर बयान को लेकर जमकर निशाना साधा. 

 

क्या बोले थे मसूद 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरिफ मसूद ने कहा था कि मैं मध्यप्रदेश असेंबली का मेंबर हूं, मैं उन लीडर से मुखातिब हूं, जो ये सोच रहे हैं कि अपनी पार्टी के अंदर अपने नेता के खिलाफ कैसे जाएंगे? मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि आप नेता के खिलाफ नहीं जाना चाहते, तो क्या शरीयत के खिलाफ जाना चाहते हैं? आपको फैसला लेना होगा.

Trending news