Bhopal News: RGPV के 19.48 करोड़ घोटाला मामले में आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा रिमांड पर
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Bhopal News: RGPV के 19.48 करोड़ घोटाला मामले में आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा रिमांड पर

RGPV Scam: राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में 19.48 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल कुमार मयंक को एसआईटी ने अहमदाबाद से गिरफ्तार कर लिया है.

 

Bhopal News: RGPV के 19.48 करोड़ घोटाला मामले में आरोपी गिरफ्तार, कोर्ट ने भेजा रिमांड पर

RGPV Scam: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) में हुए करीब 19.48 करोड़ रुपये के घोटाले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी कुमार मयंक को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया गया है. उसे शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कोर्ट ने उसे चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया. बता दें कि इस घोटाले में यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार तक सभी के शामिल होने के आरोप लगे हैं.

क्या है मामला?
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में 19.48 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. इस घोटाले में यूनिवर्सिटी के कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार तक सभी के शामिल होने के आरोप लगे हैं. जिसे लेकर कुछ दिन पहले कुलपति प्रोफेसर सुनील कुमार, पूर्व रजिस्ट्रार आरएस  राजपूत, तात्कालीन फायनेंस कन्ट्रोलर ऋषिकेश वर्मा, बैंक मैनेजर मयंक सहित 5 पर FIR दर् की गई थी.

बता दें कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक, राजीव गांधी प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में अनधिकृत तरीके से ट्रांसफर किए गए हैं. ये पूरा मामला तब सामने आया जब लगातार एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया. जिसके बाद सरकार को इस मामले में कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा है. 

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एबीवीपी ने किया था विरोध
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय प्रदेश का एक मात्र तकनीकी विश्वविद्यालय है. इस यूनिवर्सिटी में 19.48 करोड़ रुपये की एफडी का प्राइवेट खाते में स्थानांतरण करने का आरोप लगाया गया है. जिसे लेकर एबीवीपी ने विरोध प्रदर्शन किया था.बता दें कि इसे लेकर 19 फरवरी से विद्यार्थी परिषद का प्रदर्शन जारी था. कार्यकर्ता  जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग पर अड़े हुए थे. यहां तक कि यूनिवर्सिटी के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी बंधक बना लिया गया था, जिसके बाद सरकार ने दोषियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का फैसला किया.

रिपोर्ट- प्रमोद शर्मा

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