Assembly Election 2023: 3 राज्यों के आए चुनावी रिजल्ट से राजनीतिक मौसम में भी बदलाव आ गया है. मध्य प्रदेश (MP vidhan sabha chunav) में बीजेपी (BJP) का आत्मविश्वास चरम पर है तो वहीं कांग्रेस (Congress) का रंग उड़ा उड़ा सा दिख रहा है. देखिए इन चुनावी परिणाम से एमपी में होने वाले इलेक्शन पर क्या असर पड़ेगा.
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BJP vs Congress: साल 2023 में कुल नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) होने हैं, जिसमें से तीन राज्यों के चुनाव हो गए और इसके परिणाम भी सामने आ गए. साल की शुरूआत से लेकर इस साल के आखिरी तक चुनाव हैं, जिसको लेकर भाजपा और प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस दोनों चुनाव के नतीजों को अपने अपने पाले में करने में लगी है. तीन राज्यों के आए हुए परिणाम में भाजपा (BJP) ने जहां दो राज्यों में बहुमत हासिल की वहीं कांग्रेस (Congress) तीनों राज्यों में मात खा गई. इन परिणामों ने आगामी राज्य के चुनावों के लिए बहुत बड़ा संदेश दे दिया है.
हम बात कर रहें हैं एमपी की यहां पर भी इस बार विधानसभा चुनाव होना है. मौजूदा भाजपा सरकार प्रदेश में दोबारा खुद को काबिज होने का दम भर रही है. तो कांग्रेस का दावा है कि वो सरकार बनाएगी. ऐसे में आए हुए राज्यों के नतीजे एमपी चुनाव पर क्या असर डालेंगे आइए समझते हैं इसके समीकरण.
तैयारियां और परिणाम
तीन राज्यों के चुनाव में कांग्रेस को बुरी हार झेलनी पड़ी है. हालांकि कांग्रेस नेता इस हार को एमपी में होने वाले विधानसभा चुनाव से बिल्कुल अलग मान रहे हैं. उनका कहना है कि वहां यानि त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड की परिस्थितियों से एमपी बिल्कुल अलग है. लेकिन परिणाम ही तैयारियों का परिचय देते हैं. इन राज्यों के चुनावों में कांग्रेस को सिर्फ हार ही नहीं मिली है बल्कि पिछले बार के विधानसभा चुनाव से कम सीट मिली है जो कि कांग्रेस की तैयारियों के लिए एक बहुत बड़ा संकेत है. इसी तरह का नजारा आने वाले एमपी विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है.
भारत जोड़ो यात्रा का इफेक्ट
देश के अंतिम छोर कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कश्मीर में जाकर खत्म हुई. यात्रा के दौरान राहुल गांधी की कई तस्वीरें भी वायरल हुई कहीं पर वो एक छोटे बच्चे से हाथ मिलाते देखे गए तो कहीं पर बुजुर्ग को गले लगाते दिखे जिसको लेकर के कांग्रेस ने दावा किया कि देश बदल रहा है और लोग कांग्रेस के साथ जुड़ रहे हैं. लेकिन तीन राज्यों के नतीजों ने कांग्रेस के अरमानों पर पानी फेर दिया.
वोट में बदलेगा यात्रा को मिला जनसमर्थन?
इस साल के आखिरी में एमपी में भी चुनाव होने हैं. यहां पर भी देखा गया था कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भारी हुजूम उमड़ा बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को इस यात्रा में शामिल होते हुए देखा गया था. कांग्रेसी ये दावा कर रहे हैं कि राहुल गांधी को प्रदेश में भारी जनसमर्थन मिला है ये जाहिर करता है कि इस बार एमपी में कांग्रेस की सरकार बनेगी.
यही आलम पूर्वोत्तर में भी था. पर परिणाम ने संकेत दे दिए हैं लेकिन एमपी के चुनाव में अभी लगभग छह से सात महीने का समय है. तब तक इस यात्रा का असर और पुराना हो जाएगा. अगर इस यात्रा के भरोसे कांग्रेस जनमत ढूंढ़ने का काम करेगी तो उसे पछतावा हो सकता है. ऐसे में उसके पास पर्याप्त समय है अपनी पार्टी को जमीनी स्तर पर और ज्यादा मजबूत करने की.
मौजूदा भाजपा सरकार
तीनों राज्यों के चुनाव परिणामों में से दो राज्य का परिणाम भाजपा के खाते में गया है. जिसके बाद भाजपा और ज्यादा जोश से लबरेज है. अगर एमपी की बात करें तो यहां पर भी भाजपा की सरकार है जो लगातार नए नए तरीकों से जनता को साधने की कोशिश कर रही है. सीएम शिवराज सिंह कभी महिलाओं के लिए कोई योजना लेकर आ रहें है तो कभी युवाओं के लिए कुछ कर रहे हैं. इसके जरिए लोगों का रूझान अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी को पूरा भरोसा है कि जनता एक बार फिर उन्हें ताज पहनाएगी.
मेघालय में कांग्रेस को झटका
मेघालय विधानसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस निराश है. उन्हें 16 सीटों का नुकसान हुआ है. मेघालय में कांग्रेस ने 5 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. तब पार्टी को 28.50 फीसदी वोट मिले थे. इस बार 13.19 फीसदी ही मिले.
नागालैंड में शून्य
नगालैंड विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस को बुरी हाल मिली. एक बार फिर पार्टी का खाता नहीं खुल पाया. कांग्रेस को नगालैंड में 3.54 फीसदी वोट मिले. 2018 के चुनाव में भी कांग्रेस नगालैंड में कोई सीट नहीं जीत पाई थी. तब पार्टी को 2.07 फीसदी वोट मिले थे.