World Asthma Day 2023: अस्थमा (asthama) के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल मई महीने के दूसरे मंगलवार को 'वर्ल्ड अस्थमा डे' मनाया जाता है. तो आइए जानते हैं कि अस्थमा क्या है और इस दिन को मनाने का महत्व क्या है-
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Asthma Day 2023: कई लोगों को सांस संबंधी बीमारियों का सामना करना पड़ता है. अस्थमा भी सांस संबंधी एक गंभीर बीमारी है. ऐसे में लोगों को अस्थमा से बचाव और रोकथाम के प्रति जागरूक करने के लिए हर साल मई महीने के तीसरे मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस (world asthama day) मनाया जाता है.
क्या है अस्थमा
अस्थमा एक ग्रीक शब्द है. इसका अर्थ सांस की कमी से है. यानी जब किसी को भी सांस लेने में कठिनाई या सांस की तकलीफ होती है, तो उसे अस्थमा होने के रूप में देखा जा सकता है.यह सांस से जुड़ी गंभीर बीमारियों में से एक है. अस्थमा फेफड़ों पर अटैक करके सांस को प्रभावित करता है. डॉक्टरों के मुताबिक जो व्यक्ति अस्थमा से ग्रसित है, उसे अपने आहार और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
बता दें कि आमतौर पर जब हम सांस लेते हैं तो ऑक्सीजन मुंह या नाक के जरिए फेफड़ों तक पहुंचती है. इसके बाद फेफड़ों में मौजूद छोटे-छोटे वायुमार्ग इस ऑक्सीजन को रक्त प्रवाह में तक पहुंचाते हैं, लेकिन अस्थमा से पीड़ित मरीजों में वायुमार्ग की परत में सूजन आ जाती है और इसमें बलगम भर जाता है, जिस वजह से सांस लेने में परेशानी होती है. कई बार तो हवा की मात्रा कम होने से भी मरीज को अस्थमा का अटैक आ जाता है.
कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत
अस्थमा दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1998 में हुई थी. इसकी पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से ग्लोबल इनिशिएटिव फॉर अस्थमा ने की थी. WHO के मुताबिक एक अनुमान लगाया गया कि वैश्विक स्तर पर 339 मिलियन से ज्यादा लोग अस्थमा से पीड़ित हैं, जबकि साल 2016 में वैश्विक स्तर पर अस्थमा के कारण 417,918 मौतें हुई थीं. इस दिन को मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में सांस से जुड़ी बीमारियों को लेकर जागरूकता बढ़ाना और अस्थमा के बारे में शिक्षा फैलाना है.