सूरजपुर: मेंढक और मेंढकी की शादी से चौंक गए लोग, बार‍िश से जुड़ी है अनोखी मान्यता
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh1273061

सूरजपुर: मेंढक और मेंढकी की शादी से चौंक गए लोग, बार‍िश से जुड़ी है अनोखी मान्यता

एक तरफ जहां छत्‍तीसगढ़ में कई इलाके भारी बार‍िश की मार सह रहे हैं तो कहीं पर बार‍िश नाम की नहीं हो रही है. ऐसे में छत्‍तीसगढ़ की एक परंपरा काफी चर्चा में है जहां बार‍िश के ल‍िए मेंढक और मेंढकी की शादी की जा रही है. 

मेंढक और मेंढकी की शादी.

ओपी त‍िवारी/सूरजपुर: देश तथा प्रदेश के कई हिस्सों में तेज बारिश जारी है लेकिन छत्‍तीसगढ़ का सूरजपुर जिला अभी भी बारिश के लिए तरस रहा है. जिले में भी सामान्य बारिश हो, इसके लिए अब स्थानीय लोग भी नए-नए प्रयोग करने लगे हैं. इसी के ल‍िए जिले के कई हिस्सों में मेंढक और मेंढकी की शादी की जा रही है. 

बार‍िश को लेकर है मान्‍यता 
यह कोई आश्चर्यजनक शादी नहीं है या फिर इसे किसी ने पहली बार नहीं किया है. यह पुरानी मान्यता है कि इस तरह की शादी करने से बारिश होने लगती है.

मेंढक और मेंढकी की शादी
शादी का माहौल, मंत्र उच्चारण और झूमते गाते लोग... यह सुनकर चौंक जाएंगे कि यहां किसी इंसान का नहीं बल्कि मेंढक और मेंढकी की शादी हो रही है. पिछले कुछ दिनों से सूरजपुर जिले में यह नजारा आम हो चला है. 

आज भी किसान इस परंपरा को मान रहे 
जिले के प्रतापपुर,भैयाथान सहित ऐसे कई इलाके हैं जहां पूरे धूमधाम से मेंढक और मेंढकी का विवाह रचाया जा रहा है. मान्यता है कि इंद्रदेव के नाराज होने की वजह से जब क्षेत्र में बारिश ना हो, तब मेंढक और मेंढकी का विवाह कराने से इंद्र देवता प्रसन्न होते हैं और इलाके में बार‍िश होने लगती है.जिले की यह परंपरा बहुत पुरानी है और आज भी किसान इस परंपरा को मान रहे हैं.

ऐसी परंपरा से किसी का नुकसान नहीं होता
जहां एक और ग्रामीण इलाके के कम पढ़े-लिखे लोग इस तरह के अंधविश्वास को मान रहे हैं. वहीं, पढ़े लिखे लोगों की भी यह मान्यता है कि ऐसी परंपरा से किसी का नुकसान नहीं होता है और ग्रामीणों को आत्म संतुष्टि मिलती है तो ऐसी परंपरा में कोई बुराई नहीं है. कुल मिलाकर चाहे वह ग्रामीण अंचल का तबका हो या शहरी क्षेत्र का, इस परंपरा का सभी कोई समर्थन करते नजर आ रहा है. 

छत्तीसगढ़ परंपराओं का प्रदेश 
कहते हैं छत्तीसगढ़ परंपराओं का प्रदेश है. यहां पर कई तरह की मान्यताएं हैं, हालांकि इन का कोई वैज्ञानिक आधार तो नहीं है, बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग ऐसी मान्यताएं और परंपराओं को मानते हैं. 

Sawan Somvar 2022: भोपाल के बड़वाले मंदिर की अद्भुत है मान्यता, सावन सोमवार को होता है विशेष श्रृंगार

Trending news