इन्द्रावती टाइगर रिज़र्व बीजापुर के 2800 वर्ग किमी क्षेत्रफल में टाइगर, तेंदुआ, सांभर और वनभैंसा जैसे दुर्लभ वन्यजीव अपने प्राकृतिक आवास में रहते हैं. साथ ही दर्जनों पक्षी यहां पाए जाते हैं. कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु 6 वनभैंसा का झुंड इस क्षेत्र में देखा गया था.
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पवन दुर्गम/बीजापुर: इन्द्रावती टाइगर रिज़र्व बीजापुर के 2800 वर्ग किमी क्षेत्रफल में टाइगर, तेंदुआ, सांभर और वनभैंसा जैसे दुर्लभ वन्यजीव अपने प्राकृतिक आवास में रहते हैं. साथ ही दर्जनों पक्षी यहां पाए जाते हैं. कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ का राजकीय पशु 6 वनभैंसा का झुंड इस क्षेत्र में देखा गया था. अब मालाबार पश्चिमी घाट में पाया जाने वाला पक्षी मालाबार पाईड़ हॉर्नबिल बीजापुर टाइगर रिज़र्व में देखा गया है. मालाबार पाइड हॉर्नबिल भारत व श्रीलंका के इलाके में पाया जाता है.
बता दें कि इन्द्रावती टाइगर रिज़र्व उपनिदेशक गनवीर धम्मशील ने बताया कि वेस्टर्न घाट के इन दुर्लभ पक्षियों का बीजापुर जिले में आना दर्शाता है कि यहां का वातावरण उनके लिए अनुकूलित है. इंद्रावती नदी वाले इलाके में 12 से 15 की संख्या में ये देखे गए हैं.
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जांच कर रहे हैं
इनकी भी हम ट्रैकिंग करके इनके रहवास को जानने की कोशिश कर रहे हैं. इतनी दूर से यहां पहुंच रहे, इन पक्षियों को क्या अट्रैक्ट कर रहा है. उसकी भी जानकारी हम जुटा रहे है. दुर्लभ पक्षियों के संरक्षण के लिए ग्रामीणों से शिकार नहीं करने को लेकर समझाइस दी जा रही है.
काफी दुर्लभ प्रजाति है ग्रेट हॉर्नबिल
बता दें कि हॉर्नबिल की कुल 55 प्रजातियां हैं. इनमें से 24 अफ्रीका में पाई जाती हैं. वहां की करीब 10 प्रजातियों को ही भारत के जंगल रास आते हैं. इनमें मालाबार पाइड हॉर्नबिल, ग्रेट हॉर्नबिल, मालाबार ग्रे हॉर्नबिल और इंडियन ग्रे हॉर्नबिल है. मालाबार पाईड़ हॉर्नबिल का इन्द्रावती टाइगर रिज़र्व में देखा जाना अपने आप में काफी अच्छा संकेत है.