छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र रेगडगट्टा पहुंचकर लोगों से हालचाल जाना और लोगों को नई उम्मीद जगाई. आजादी के 75 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई मंत्री इस अतिसंवेदनशील और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में बाइक से यहां पहुंचा हो...
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रंजीत बराठ/सुकमा: साल 2022 में देश को आजाद हुए पूरे 75 साल हो गए. अब भी देश में कई इलाके ऐसे हैं, जो प्रशासन और सरकार की नजर से काफी दूर हैं. ऐसा ही एक गांव है छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में आने वाला रेगडगट्टा, जहां अभी तक कोई मंत्री नहीं पहुंचा था. वो भी इन हालातों में जब यहां तीन साल में अज्ञात बीमारी से 61 लोगों का मौत हो चुकी है, लेकिन शुक्रवार, 12 अगस्त 2022 को छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा यहां पहुंचे और लोगों को हाल जाना.
तीन साल में अज्ञात बिमारी से हो गई हैं 61 मौते
बता दें कि रेगड़गट्टा वही गांव हैं, जहां पिछले तीन सालों में 61 ग्रामीणों की मौत अज्ञात बीमारी से हो गयी है. मंत्री कवासी लखमा ने ग्रामीणों से मुलाकात करके उनका हाल-चाल जाना. साथ ही ग्रामीणों से चर्चा करके गांव की पूरी जानकारी ली और पूछा कि अभी गांव में कोई बीमार तो नहीं हैं. फिर मंत्री ने वहां पर स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली.
आजादी के बाद पहली बार पहुंचा कोई मंत्री
गांववालों ने बाइक से आते हुए जब आबकारी मंत्री कवासी लखमा को देखा, तो वे हैरान रह गए. क्योंकि आजादी को 75 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी सुध लेने के लिए कोई मंत्री यहां तक नहीं पहुंचा था. यहां आकर कवासी लखमा ने गांववालों से मुलाकात की और मृतकों के परिजनों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया. इस दौरान उन्होंने गांव में सुविधाओं को लेकर अधिकारियों को निर्देश भी दिए.
मंत्री के साथ मौजूद रहे कलेक्टर और एसपी
मंत्री कवासी लखमा बाइक पर सवार होकर सुकमा के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र रेगड़गट्टा गांव पहुंचे. इस दौरान कलेक्टर हरीश एस व एसपी सुनील शर्मा भी उनके साथ थे. गांव के निरीक्षण के दौरान मंत्री ने कलेक्टर से गांव में स्कूल भवन, बिजली व्यवस्था, पानी की व्यवस्था करने को कहा. साथ ही ग्रामीणों को समझाइश दी कि वो स्वास्थ्य सुविधा में मदद करें और सरकार की योजनाओं का लाभ लें.
क्यों नहीं पहुंचता था कोई मंत्री
रेगडगट्टा छत्तीसगढ़ के बेहद संवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाकों में आता है. यहां लगातार हो रही मौतों को लेकर विपक्ष लंबे समय से सरकार के ऊपर हमलावर था. ऐसे में कोंटा विधायक और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने यहां आने की सोची. सुरक्षा कारणों से पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं माने. जिसके बाद पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम करने के बाद उन्हें गांव ले जाया गया.