Bhalu ki bhakti: भगवान शिव की महिमा किसी से छिपी नहीं है. उनके भक्तों की एक लंबी तादात है. पर छत्तीसगढ़ के मरवाही जनपद के नरौर गांव में चल रहे शिवकथा में एक भालू की आस्था कौतुहल का विषय बना हुआ है. बता दें कि भालू इस कथा में प्रसाद लेने पंहुचता है.
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Marwahi devotion news: छत्तीसगढ़ के मरवाही जनपद (Marwahi district) के नरौर ग्राम पंचायत में चल रहे शिव कथा महोत्सव में पिछले दो दिन से एक भालू चर्चा का विषय बना हुआ है. आपको बता दें कि लोगों का कहना है कि दो दिनों से भालू कथा स्थल पर पंहुच रहा है. कथा स्थल पर लगाए गए बड़े टेंट के एक भाग में रखे प्रसाद को खाता है और फिर जंगल में वापस लौट जाता है. भालू का इस तरह पारिवारिक व्यवहार देखकर लोग आश्चर्य में हैं. कुछ लोग कहतें हैं कि ये शिव की भक्ति के कारण ही संभव हो पाया है.
क्या कहतें हैं ग्रामीण
नरौर ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का कहना है कि भालू की इस तरह की भक्ति हैरान कर देने वाली है. लेकिन गांव में आए दिन भालू देखे जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह इलाका भालूओं के लिए काफी ज्यादा प्रसिद्ध है. इस इलाके में भालू सुगमता पूर्वक रह पातें हैं. यहां के जंगलों के आस पास की सड़कों पर भी आए दिन ये दिखाई देते हैं. कभी सुबह तो कभी शाम ये अपने परिवार के साथ टहलते हुए नजर आते हैं लेकिन शिव भक्ति में लीन ये भालू चर्चा का विषय बना हुआ है.
7 दिनों से हो रहा है कथा का आयोजन
मरवाही जनपद के नरौर ग्राम पंचायत में बीते सात दिनों से शिव कथा का आयोजन किया जा रहा है. इस कथा में सैकड़ों लोग रोज प्रसाद लेने पंहुचते है और प्रसाद लेने के बाद अपने घर वापस लौट जातें है. लेकिन इस पंडाल में शिव महापुराण का आयोजन कर रहें पुजारियों का समूह मौजूद रहता है. वहां पर मौजूद पुजारियों का कहना है कि ग्रामीणों ने बताया कि कुछ दिन पहले से भालू पंडाल के आस पास आता है. जिसके बाद पुजारियों ने एक बड़ी सी थाली में प्रसाद रख दिया और भालू का इंतजार करते रहे और रात के करीब 10.30 से 11 बजे के बीच भालू ने आकर प्रसाद ग्रहण किया. बता दें कि पिछले दो दिनों से ये सिलसिला लगातार चलता चला आ रहा है.