Madhya Pradesh News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 दिसंबर को पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक राष्ट्रीय परियोजना का भूमिपूजन करने जा रहे हैं. इस परियोजना के लाभ मध्य प्रदेश के 12 जिलों हजारों गांव को मिलेगा. पीने और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध होगा.
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MP News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक और बड़ी सौगात मध्य प्रदेश को देने जा रहे हैं. इस सौगत से प्रदेश के कई जिले और सैकड़ों गांव लाभान्वित होंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 दिसंबर को पार्वती-काली सिंध-चंबल लिंक राष्ट्रीय परियोजना का भूमिपूजन जयपुर राजस्थान से वर्चुअल करेंगे. इस परियोजना से मध्य प्रदेश श्योपुर उज्जैन, गुना, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, सीहोर, शाजापुर, देवास, राजगढ, मंदसौर, आगर-मालवा और इंदौर को फायादा होगा.
जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया था कि पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी. इस सिंचाई सुविधा के अलावा 40 लाख की आबादी को पीने का पानी उपलब्ध हो जाएगा. इसके अलावा लगभग 60 वर्ष पुरानी चंबल दाईं मुख्य नहर और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क सिस्टम के आधुनिकीकरण किया जाएगा, जिससे भिंड, मुरैना और श्योपुर के 1205 गांव में 3 लाख 62 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में किसानों की मांग अनुसार पानी उपलब्ध होगा. परियोजना से राज्य के गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों के 3217 गांव को फायादा मिलेगा.
परियोजना में क्या होगा?
पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना एक बांध और जलाशय परियोजना है जिसका उद्देश्य पार्वती, नेवज और कालीसिंध नदियों से अतिरिक्त पानी को चंबल नदी में मोड़ना है. यह परियोजना भारत की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (1980) का हिस्सा है और इसका उद्देश्य चंबल बेसिन में पानी के उपयोग में सुधार करना है.
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परियोजना की मुख्य बातें-
- मध्य प्रदेश और राजस्थान के क्षेत्रों को लाभ मिलेगा
- घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए पानी उपलब्ध होगा
- मध्य प्रदेश में लगभग 6 लाख 13 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी
- 40 लाख किसान परिवारों को लाभ मिलेगा
- पेयजल और उद्योगों के लिए 172 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी सुरक्षित रहेगा
- 21 बांध और बैराज का निर्माण होगा
कितनी होगी लागत-
- 115.08 किलोमीटर लंबी कैनाल
- 3.2 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन
- एक लिंक नहर जो मध्य प्रदेश और राजस्थान से होकर गुजरेगी
- इस परियोजना की कुल लागत 72,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसमें मध्य प्रदेश 35,000 करोड़ रुपये और राजस्थान 37,000 करोड़ रुपये खर्च करेगा. - कुल लागत में केंद्र का हिस्सा 90% और राज्य का हिस्सा 10% होगा.
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