मशहूर लेखक सलमान रश्दी ने प्रख्यात रचनाकार वी एस नायपॉल के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने प्यारे बड़े भाई को खो दिया है.
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नई दिल्ली: मशहूर लेखक सलमान रश्दी ने प्रख्यात रचनाकार वी एस नायपॉल के निधन पर शोक प्रकट करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने प्यारे बड़े भाई को खो दिया है. वहीं, समकालीन लेखकों ने कहा कि नायपॉल उन महान लेखकों में से एक थे जिनकी कलम खुल कर बोलती थी. नायपॉल के परिवार ने आज घोषणा की कि लंदन में उनका 85 साल की उम्र में निधन हो गया. ब्रिटिश भारतीय उपन्यासकार सलमान रश्दी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हम अपने जीवन के बारे में, राजनीति के बारे में और साहित्य के बारे में असहमत थे. मुझे दुख हो रहा है जैसे मैंने अभी अपने एक प्यारे बड़े भाई को खो दिया है.
संजय के राय ने ट्वीट किया कि उनकी कमी हमेशा महसूस होगी
आपकी आत्मा को शांति मिले.’’ लेखक और कवि जीत थायिल ने नायपॉल को एक अलग अंदाज का व्यक्ति और शानदार लेखक बताते हुए कहा कि उनका निधन एक विरोधाभासी पिता को खोने जैसा है. जयपुर साहित्य महोत्सव के आयोजकों में से एक संजय के राय ने ट्वीट किया कि उनकी कमी हमेशा महसूस होगी. नोबेल प्राइज ने भी ट्वीट कर लेखक को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ‘‘साहित्य के क्षेत्र में 2001 में नोबेल पुरस्कार विजेता वी एस नायपॉल याद आ रहे हैं जिनके शब्दों ने हमें इस बेहतरीन इतिहासकार की मौजूदगी का अहसास कराया.’’
We disagreed all our lives, about politics, about literature, and I feel as sad as if I just lost a beloved older brother. RIP Vidia. #VSNaipaul
— Salman Rushdie (@SalmanRushdie) August 12, 2018
RIP VS Naipaul. An old piece written when he won the Nobel: https://t.co/Mo8ZlX0Khi
Sanjay Subrahmanyam's 'Where does he come from?' is well worth reading: https://t.co/IvC47iozs4
— Amitav Ghosh (@GhoshAmitav) August 12, 2018
वैशाली माथुर ने कहा ‘‘हमारी हिंदी की सूची में नायपॉल की किताबों का गौरवपूर्ण स्थान है.’’
नायपॉल को 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था. उन्होंने 1971 में मैन बूकर पुरस्कार जीता था. साहित्य में विशिष्ट सेवाओं के लिए 1990 में उन्हें नाइटहुड से सम्मानित किया गया था. लेखक अमिताभ घोष ने उन पर लिखे एक लेख का लिंक शेयर करते हए ट्वीट किया है, ‘‘आरआईपी वी एस नायपॉल.’’ इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने भी नायपॉल को याद किया.
ब्रिटिश उपन्यासकार हरि कुंजरू ने विभिन्न ट्वीट कर नायपॉल को याद किया और कुछ संस्मरण साझा किया है. पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया के हिन्दी प्रकाशन की प्रभारी वैशाली माथुर ने कहा ‘‘हमारी हिंदी की सूची में नायपॉल की किताबों का गौरवपूर्ण स्थान है.’’
इनपुट भाषा से भी